Rouse Avenue Court : राउज एवेन्यू कोर्ट ने शुगर पीड़ित अरविंद केजरीवाल के जेल में रहते हुए आम , मिठाई, आलू पूरी जैसी चीजों के खाने पर सवाल उठाया है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि पिछले दिनों अरविंद केजरीवाल को जो घर के खाने में चीजें मिली है, वो उनके डॉक्टर की ओर से सुझाई गई डाइट चार्ट से मेल नहीं खाती. कोर्ट ने कहा कि ये समझ से परे है कि केजरीवाल के घरवाले क्यों डॉक्टर की सलाह के खिलाफ जाकर उन्हें आम, मिठाई, आलू पूरी जैसी चीजें भेज रहे थे.


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तिहाड़ जेल पर भी सवाल उठाया


तिहाड़ जेल ऑथोरिटी के पास भी इस बात का कोई स्पष्टिकरण नहीं है कि आखिर जो फूड आइटम केजरीवाल के मेडिकल प्रेस्क्रिप्शन और कोर्ट के 1 अप्रैल के आदेश के  मुताबिक नहीं थे, वो कैसे उन तक पहुंच गए. तिहाड़ जेल ऑथोरिटी ने न तो इसकी शिकायत कोर्ट से की और ना ही अपनी ओर से कोई ऐसी कोशिश की कि केजरीवाल उन फूड आइटम को ना खाएं, जो डॉक्टर की सलाह के मुताबिक नहीं है.



केजरीवाल की अर्जी पर कोर्ट का आदेश


राउज एवेन्यू कोर्ट ने ये टिप्पणी अरविंद केजरीवाल की उस याचिका को खारिज करते हुए की है जिसमें उन्होंने निजी डाक्टर से काउंसलिंग की मांग की थी. जेल में इंसुलिन की मांग पर कोर्ट ने कहा है कि इस पर फैसला एम्स का मेडिकल बोर्ड लेगा.



सिर्फ केजरीवाल के मांगने पर इंसुलिन नहीं दी जा सकती


कोर्ट ने कहा कि ED और जेल ऑथरिटी के जवाब से ये साफ है, कि केजरीवाल ने उनसे इंसुलिन लेने की मांग कभी नहीं की है. जहां तक कोर्ट में उनकी इंसुलिन की मांग का सवाल है, ये मांग इसलिए अभी स्वीकार नहीं की जा सकती क्योंकि Hyperglycemia से पीड़ित शख्श को सिर्फ उसके मांगने पर इंसुलिन उपलब्ध नहीं कराई जा सकती.



जेल में केजरीवाल भी आम कैदियो की तरह


कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है, कि तिहाड़ जेल के जवाब से साफ है कि उनकी मेडिकल हालत पर लगातार नजर रखी जा रही है. दिन में दो बार उनका शुगर लेवल चेक हो रहा है. कोर्ट ने कहा कि केजरीवाल जेल में दूसरे कैदियों के समान ही है.  नियम-जेल मैनुअल सब कैदियों पर एक-समान लागू होता है. निजी इलाज की उनकी मांग को सिर्फ उसी सूरत में स्वीकार किया जा सकता है, जब जेल ऑथोरिटी उन्हें समुचित उपचार न उपलब्ध करा पाए.