S-400 Missile System: चीन और पाकिस्तान के साथ लंबे समय से तनाव चल रहा है. ऐसे में भारतीय सेना लगातार अपनी ताकत बढ़ाने के लिए काम कर रही है. इस बीच भारत को लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है.  रूस से आने वाले एयर डिफेंस सिस्टम S-400 की चौथी स्क्वाड्रन अगले साल मिल जाएगी, जबकि पांचवीं स्क्वाड्रन 2025 में आ जाएगी. इसको लेकर रास्त साफ हो गया है. बता दें कि भारत को अब तक तीन S-400 एयर डिफेंस सिस्टम मिल चुके हैं, जिन्हें चीन और पाकिस्तान सीमा पर तैनात किया गया है.


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रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से आ रही थी रुकावट


भारत और रूस ने पैसे की अदायगी में आ रही रुकावट को दूर कर लिया है. रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से लगे प्रतिबंधों के कारण इसमें रुकावट आ रही थी. खास बात ये भी है कि यूक्रेन युद्ध के बावजूद रूस ने भारत को तय समय में ही S-400 को सौंपा है. भारतीय वायुसेना को S-400 की चौथी स्क्वाड्रन को अगले साल शामिल कर लिया जाएगा.


इन तीन सीमाओं पर तैनात किया गया है S-400 Missile System


इससे पहले तीन स्क्वाड्रन भारत आ चुकी हैं और उन्हें तैनात भी किया जा चुका है. भारत को S-400 की पहली स्क्वाड्रन दिसंबर 2021 और दूसरी स्क्वाड्रन अप्रैल 2022 में मिली थी. पहली स्क्वाड्रन को पंजाब के पठानकोट में तैनात किया गया है, जहां से ये सिस्टम पाकिस्तान के अलावा चीन की तरफ से होने वाले किसी भी हवाई हमले को रोकेगी. दूसरी स्क्वाड्रन को भारत के उत्तर-पूर्व के लिए सबसे संवेदनशील मोर्चे सिलिगुड़ी कॉरिडोर में तैनात किया गया है, जहां से ये चीन की तरफ से हमलों के लिए भारत को सुरक्षा देगी. तीसरी स्क्वाड्रन फरवरी 2023 को मिली, जिसे राजस्थान में तैनात किया  गया है.


दुश्मन की मिसाइल को 400KM दूर ही कर देता है खत्म
 
भारत ने रूस के साथ 2018 में लगभग 35000 करोड़ रुपये में S-400 की पांच स्क्वाड्रन का सौदा किया था. S-400 की एक स्क्वाड्रन में 16 गाड़ियां होती हैं, जिनमें मिसाइल लॉन्चर्स के अलावा रडार, कमांड और कंट्रोल सिस्टम की गाड़ियां होती हैं. S-400 का एक सिस्टम 400 किमी की दूरी तक दुश्मन के किसी भी मिसाइल, फाइटर जेट या ड्रोन जैसे किसी भी हमले को नाकाम करने के लिए पर्याप्त है.