पटना: महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) पर 100 करोड़ रुपये की वसूली का आरोप लगने के बाद से बीजेपी उद्धव सरकार पर लगातार हमले बोल रही है. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने रविवार को पटना में प्रेस वार्ता कर इस मामले में जांच और कड़ी कार्रवाई की मांग की.


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निलंबित पुलिसकर्मी को बहाल क्यों किया गया?


रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने कहा,'महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्री ने सस्पेंड चल रहे एक पुलिसकर्मी को बहाल कर ऊंचा पद दिया. इसके साथ ही उसे 100 करोड़ रुपये हर महीने इकट्ठा करने का टारगेट भी दे दिया. ऐसे में बहुत सारे सवाल उठते हैं, जिसका उद्धव सरकार को जवाब देना चाहिए.'


किसके कहने पर नियुक्ति की गई?


सचिन वाझे की नियुक्ति किसके कहने पर की गई? इसके लिए गृह मंत्री पर किसका दबाव था? कुछ लोगों ने वाझे को डिफेंड क्यों किया. 


शरद पवार की क्या भूमिका है?


पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर ने कहा है वे शरद पवार को भी ब्रीफ करते थे तो शरद पवार ने क्या किया? फिरौती मांगना एक अपराध है. शरद पवार किसके कहने पर ब्रीफिंग लेते थे. अगर वे ब्रीफिंग ले रहे थे तो अपराध को रोकने के लिए उन्होंने क्या किया?
 
इन सब केस की जांच कौन करेगा?


एंटीलिया और सचिन वाझे केस की जांच कौन करेगा. क्या फिरौती मांगने इस संगठित अपराध को इतनी आसानी से दबा दिया जाएगा. 


सरकार ने कौन-कौन से कांड करवाए?


सचिन वाझे से 100 करोड़ की उगाही अगर करवाई जा रही थी सरकार ने उससे और क्या क्या कांड करवाए हैं. 


सचिन वाझे के अंदर और कौन-कौन से राज दबे हुए हैं?


सचिन वाझे (Sachin Vaze) को बचाने की क्या वजह थी? उसके अंदर कितने राज दबे हुए हैं? यह पूरा षड्यंत्र दिमाग लगाकर रचा गया है. ऐसा लगता है बहुत से डार्क सीक्रेट अभी भी वाझे में छुपे हुए हैं. 


गृह मंत्री अनिल देशमुख किसके लिए उगाही कर रहे थे?


गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) आखिर किसके लिए उगाही करते थे. क्या वे यह सब अपने लिए कर रहे थे या फिर पार्टी के लिए? इस पर शरद पवार और उद्धव ठाकरे दोनों से यह सवाल है. अगर 100 करोड़ कलेक्शन का मुंबई से टारगेट था तो पूरे महारष्ट्र से कितना लक्ष्य तय किया गया था. 


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बाकी मंत्रियों को क्या टारगेट दिए गए थे?


अगर एक मंत्री के टारगेट यह थे तो दूसरों का क्या काम दिए गए थे? उद्धव ठाकरे से यह भी सवाल है कि आप बाला साहब ठाकरे के पुत्र हैं, जो हमेशा जय महाराष्ट्र कहते थे. आपने एक तो गलत तरीके से सरकार बनाई और अब यह सब काम. क्या सोचते होंगे बालासाहब ठाकरे. इस पर शरद पवार और उद्धव ठाकरे दोनों को जवाब देना होगा. कुल मिलाकर यह शासन की नहीं बल्कि लूट की महागारी है. 


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