झारखंड सरकार और केंद्र सरकार द्वारा जैन समाज के सर्वाधिक महत्वपूर्ण तीर्थ राज सम्मेद शिखरजी को पर्यटक स्थल घोषित किए जाने के निर्णय को जैन समाज लगातार विरोध कर रहा है. सरकार के इस फैसले के विरोध में 24 दिसंबर को कोलकाता महानगर में श्री बंगाल बिहार उड़ीसा तीर्थ क्षेत्र कमिटी के आह्वान पर और सकल जैन समाज के द्वारा एक विशाल ऐतिहासिक रैली निकाली गई, जिसमें दिगंबर और श्वेतांबर जैन समाज के हजारों लोगों ने भाग लिया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सरकार के फैसले के विरोध में विश्वव्यापी आंदोलन


जैन समाज के सर्वाधिक महत्वपूर्ण तीर्थ राज सम्मेद शिखरजी को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि शिखरजी हमारा था, हमारा है और हमारा ही रहेगा. कण-कण के सम्मेद शिखर के हैं अधिकार हमारा. इसको लेकर दिल्ली के ऋषभ विहार जैन मंदिर जी में श्री संजय जैन आमरण अनशन कर रहे हैं. इसके साथ ही विश्वव्यापी आंदोलन में जगह-जगह अनशन होंगे और भूख हड़ताल व क्रमिक अनशन होगा.


झारखंड के राज्यपाल ने केंद्र सरकार को लिखी चिट्ठी


झारखंड के राज्यपाल रमेश बैंस ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा है और उस आदेश की समीक्षा कर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है. उन्होंने केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव को पत्र लिखकर जैन धर्मावलंबियों के तीर्थ स्थल पारसनाथ की पवित्रता पर संकट को लेकर हो रहे विरोध की जानकरी दी है और समीक्षा का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि इसे पवित्र जैन तीर्थस्थल ही रहने दिया जाए.


गिरिडीह में स्थित है प्रसिद्ध तीर्थस्थल पारसनाथ


जैन समाज के सर्वाधिक महत्वपूर्ण तीर्थ राज सम्मेद शिखरजी झारखंड के गिरिडीह में स्थित है और झारखंड सरकार की अनुशंसा पर केंद्र सरकार ने इसे साल 2019 में वन्य जीव अभयारण्य का एक भाग घोषित कर इको सेंसेटिव जोन के अंतर्गत रखा गया. साथ ही झारखंड सरकार द्वारा इसे पर्यटन स्थल घोषित किया गया.


पाठकों की पहली पसंद Zeenews.com/Hindi - अब किसी और की ज़रूरत नहीं.