Sandeshkhali: महिलाओं का दर्द, बंगाल में घमासान...संदेशखली का सितम कब होगा खत्म?
Sandeshkhali Row: सुंदरबन्स में बसा संदेशखली एक द्वीप है, जो बांग्लादेश बॉर्डर के नजदीक पड़ता है और यहां केवल नाव के सहारे ही पहुंचा जा सकता है. गांववालों के गुस्से को देखते हुए इलाके में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए संदेशखली के कुछ हिस्सों में सख्ती लागू की गई है. 19 फरवरी तक संदेशखली के 7 गांवों के 19 पॉकेट्स में धारा-144 लागू की गई है.
BJP Vs Sandeshkhali: संदेशखली...बंगाल के नॉर्थ 24 परगना में स्थित एक छोटा सा गांव, जहां अचानक महिलाएं सड़कों पर उतर आईं और ऐसा आरोप लगाया, जिससे दिल्ली तक खलबली मच गई. गांव की महिलाओं का आरोप है कि तृणमूल कांग्रेस के लोकल नेता न सिर्फ लड़कियों को अगवा कर ले जाते हैं बल्कि जमीनों पर भी कब्जा कर लेते हैं.
सुंदरबन्स में बसा संदेशखली एक द्वीप है, जो बांग्लादेश बॉर्डर के नजदीक पड़ता है और यहां केवल नाव के सहारे ही पहुंचा जा सकता है. गांववालों के गुस्से को देखते हुए इलाके में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए संदेशखली के कुछ हिस्सों में सख्ती लागू की गई है. 19 फरवरी तक संदेशखली के 7 गांवों के 19 पॉकेट्स में धारा-144 लागू की गई है.
आखिर मामला क्या है?
दरअसल संदेशखली की कई महिलाओं ने स्थानीय तृणमूल नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर जमीन हथियाने और महिलाओं के साथ बदसलूकी करने के आरोप लगाए हैं. एक पीड़ित महिला को वीडियो में कहते सुना जा सकता है, 'पार्टी (तृणमूल) के लोग आते हैं और उस घर में सर्वे करते हैं, जहां खूबसूरत महिला या लड़की रहती है. ये लोग उस महिला को उठाकर पार्टी दफ्तर ले जाते हैं. कई दिन तक उसको वहां रखते हैं.' कई महिलाओं ने तो गुस्से में आकर टीएमसी नेताओं की संपत्तियों को भी आग के हवाले कर दिया. पुलिस ने बीच में ज्यादा दखलअंदाजी नहीं की. लेकिन इलाके में इंटरनेट बंद कर दिया गया और धारा-144 लगा दी गई. पिछले महीने ईडी की टीम कथित राशन घोटाले में शाहजहां के आवास पर छापेमारी करने गई थी जिस पर भीड़ ने हमला कर दिया था. इसके बाद वह गुर्गों के साथ फरार हो गया था.
इस मुद्दे को लेकर लगातार बीजेपी ममता बनर्जी को घेर रही है. जबकि ममता का कहना है कि संदेशखली आरएसएस-बीजेपी का गढ़ है. नंदीग्राम से बीजेपी विधायक शुभेंदु अधिकारी ने एक्स पर लिखा, 'शेख शाहजहां ने 'आतंक का गढ़ ' स्थापित किया हुआ है, जहां एससी-एसटी समुदाय से ताल्लुक रखने वाली महिलाओं की इज्जत के साथ खिलवाड़ किया जाता है. वे आदिवासी और जनजातीय समुदाय के लोगों की जमीनें हड़प लेते हैं.
'महिलाएं यहां सुरक्षित नहीं'
जब पिछले महीने शेख शाहजहां फरार हुआ, उसके बाद से महिलाओं में सच बाहर लाने की हिम्मत आई. पीड़ित महिलाओं ने जब मीडिया से बातचीत की तो उनका दर्द छलक उठा. एक महिला ने बताया, 'वे औरतों के साथ बदसलूकी करते हैं. महिलाएं यहां सुरक्षित नहीं हैं. बाहर जाने में डर लगता है. हमें सुरक्षा चाहिए. मेरे पति बैंक सीएसपी चलाते हैं और उन्होंने पहले मुझे हिंट दिया था कि इन नेताओं की नजर पैसों पर है. वह अकसर मुझे कहते थे कि वह ज्यादा दिन जिंदा नहीं रहेंगे.'
नाम नहीं बताने की शर्त पर एक अन्य महिला ने अपना दर्द जाहिर करते हुए कहा, 'वे मुझे पार्टी दफ्तर ले गए, जहां काफी लोग शराब पी रह थे. अगले डेढ़ दिनों तक दो लोगों ने पार्टी दफ्तर में ही मुझे टॉर्चर किया. मुझे बताया गया कि इसके बाद मेरे पति मुझे वापस नहीं लेने आएंगे तो मुझे कमरे में मर्दों के साथ रहना चाहिए. वे मुझे सरकारी नौकरी देने की बात कर रहे थे. इन लोगों ने मुझे धमकी दी कि अगर मैंने इस बारे में किसी को भी बताया तो वह मेरे पति का सिर काटकर हाथ में रख देंगे.'
कलकत्ता हाईकोर्ट ने लिया नोटिस
मामला बढ़ता देख 13 फरवरी को कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस मामले का संज्ञान लिया और 20 फरवरी तक महिलाओं के आरोपों पर टीएमसी सरकार से रिपोर्ट जमा करने को कहा है. जस्टिस अपूर्व सिन्हा रॉय ने कहा कि संदेशखली में जो हो रहा है, वह उससे बहुत परेशान हैं. उन्होंने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को आदेश दिया कि इस मामले राज्य, वरिष्ठ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को नोटिस जारी किया जाए. जजों ने कहा कि संदेशखली में महिलाओं के कथित यौन उत्पीड़न और कानून का उल्लंघन करते हुए आदिवासियों की जमीन हथियाने के संबंध में मीडिया में आईं खबरों को लेकर वह बहुत दुखी हैं. अदालत ने निर्देश दिया कि राज्य, डीजीपी, बारासात रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक और उत्तर 24 परगना जिले के जिलाधिकारी को नोटिस जारी किया जाए. मामले में 20 फरवरी को सुनवाई होगी. अदालत ने कहा कि खबरों से यह भी पता चला है कि निर्दोष लोगों की संपत्ति हड़पने के लिए कथित रूप से उन पर हिंसा की गई. जस्टिस रॉय ने अधिवक्ता जयंत नारायण चटर्जी को न्याय मित्र नियुक्त किया है.
राज्यपाल ने सौंपी रिपोर्ट
जबकि बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने गृह मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें उन्होंने पुलिस पर संदेशखली में उपद्रवी तत्वों के साथ मिले होने का आरोप लगाया. बोस ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को दी रिपोर्ट में कहा, 'मैंने पीड़ितों से बातचीत की और संदेशखली का दौरा करके मामले का जायजा लिया है. मेरी राय में, वहां की स्थिति बेहद निंदनीय है.' राज्यपाल ने रिपोर्ट में यह भी कहा कि पुलिस, उपद्रवियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के बजाय स्थानीय लोगों को उनके साथ समझौता करने की सलाह दे रही है.
BJP ने बनाई कमेटी
संदेशखली मामले पर बीजेपी चीफ जेपी नड्डा ने 6 सदस्यों वाली एक कमेटी बनाई है, जिसमें 5 महिलाएं हैं. ये कमेटी शुक्रवार को संदेशखली का दौरा करेगी. केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक, अन्नपूर्णा देवी कमेटी के कन्वीनर हैं, जबकि सुनीता दुग्गल, कविता पाटीदार, संगीता यादव और यूपी के पूर्व डीजीपी बृजलाल कमेटी के सदस्य हैं.
बीजेपी-RSS पर ममता का आरोप
महिलाओं के आरोपों के बाद गर्माई सियासत पर ममता बनर्जी ने कहा कि अब तक इस मामले में 17 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं. सीएम ने कहा, 'मैंने कभी अन्याय का समर्थन हीं किया है. मैंने राज्य महिला आयोग के प्रतिनिधियों को तुरंत संदेशखली भेजा और 17 लोगों को अरेस्ट किया गया है.' ममता बनर्जी ने संदेशखली में अशांति फैलाने का आरोप बीजेपी पर लगाया है. ममता ने कहा, 'केंद्र सरकार शेख शाहजहां को ईडी के जरिए टारगेट कर रही है. पहले वह इलाके में गए और ईडी के जरिए शेख शाहजहां को टारगेट किया और लोगों को अपने साथ मिलाकर मामले को और बढ़ाया. संदेशखली में आरएसएस का बेस भी है. वहां पहले भी दंगे हुए हैं.'