UP government On Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार के वकील से पूछा कि क्या आप भी यह मानते है कि मकानों पर बुलडोजर चलाना गलत है! जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये टिप्पणी तब की है, जब यूपी सरकार के वकील बुलडोजर चलाने के एक आरोपी की जमानत याचिका के विरोध में अपनी दलीले रख रहे थे.


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कोर्ट में मामला क्या था?


फसाहत अली खान नाम के इस शख्स पर साल 2016 में रामपुर में एक घर को गिराने और 20 हजार रुपये लूटने का आरोप था. हाई कोर्ट ने उसके खिलाफ दूसरे पेंडिंग केस का हवाला देते हुए निचली अदालत से मिली जमानत को खारिज कर दिया था. इसके खिलाफ फसाहत  ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की थी. याचिका में उसने अपने खिलाफ मुकदमों को राजनीति से प्रेरित बताते हुए जमानत दिए जाने की मांग की थी.


यूपी सरकार की दलील


यूपी सरकार की ओर से एडिशनल एडवोकेट जनरल आर. के. रायजादा ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि हाईकोर्ट ने आरोपी के खिलाफ पेंडिंग दूसरे आपराधिक केस के मद्देनजर ही जमानत देने से इनकार किया है. वो एक राजनैतिक पार्टी से ताल्लुक रखता है. उस पर एक मकान को गिराने और 20000 की लूट का आरोप है.


कोर्ट का सवाल, AAG का जवाब


इस पर जस्टिस संजय किशन कौल ने यूपी सरकार के वकील से कहा कि तो क्या आप इस बात पर सहमत है कि बुलडोजर से लोगों का घर गिरा देना गलत है. अगर ऐसा है तो आप घरों को नहीं गिराएंगे. क्या हम आपका ये बयान रिकॉर्ड पर ले सकते हैं कि बुलडोजर से घरों को गिराना गलत है. आपने अभी-अभी यह कहा है. इस पर यूपी के AAG रायजादा ने हंसते हुए कहा कि उनकी ये दलील सिर्फ इस केस तक सीमित है. मैं यहां बाकी केस की बात नहीं कर रहा हूं. आखिरकार, सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी की जमानत रद्द करने वाले हाई कोर्ट के फैसले को खारिज कर देते हुए जमानत दे दी.