Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उनकी पत्नी को मध्यस्थता के लिए सुप्रीम कोर्ट के मध्यस्थता केंद्र आने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट में उमर अब्दुल्ला ने तलाक की अर्जी में कहा है कि वह पिछले 15 साल से अपनी पत्नी पायल से अलग रह रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में समझौते की कोशिश की जा सकती है. लेकिन कोर्ट यह भी मानता है कि कुछ शादियों को ठीक नहीं किया जा सकता.


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15 साल से पत्नी से अलग रह रहे अब्दुल्ला


1 सितंबर 1994 को उमर अब्दुल्ला की शादी पायल नाथ से हुई थी और दोनों साल 2009 से अलग रह रहे हैं. उनके दो बेटे भी हैं. शुरुआत में उमर अब्दुल्ला ने पत्नी द्वारा छोड़कर जाने और क्रूरता के आधार पर फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी लगाई थी. लेकिन 30 अगस्त 2016 को कोर्ट ने उनकी याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि उन्होंने वह यह साबित नहीं कर पाए कि उनकी शादीशुदा जिंदगी ठीक होने के लायक नहीं बची है. 


उमर अब्दुल्ला ने कोर्ट के इस फैसले को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी. लेकिन दिसंबर 2023 में जस्टिस संजीव सचदेवा और विकास महाजन की डिविजन बेंच ने उमर को झटका देते हुए फैमिली कोर्ट का फैसला बरकरार रखा. 


अब मध्यस्थता केंद्र में होना होगा पेश


अब सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने उनको सबसे बड़ी अदालत के मध्यस्थता केंद्र में पेश होने को कहा है. उमर अब्दुल्ला की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि दोनों ही 15 साल से अलग रह रहे हैं. पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उमर अब्दुल्ला की याचिका पर नोटिस भेजकर पायल से जवाब मांगा था. 


पायल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने कोर्ट को शुक्रवार को बताया कि मध्यस्थता का प्रयास एक बार तो किया जाना चाहिए. सिब्बल भी मध्यस्थता में शामिल होने के लिए राजी हो गए और कहा कि इसका मकसद मामले को हल करना होना चाहिए, जरूरी नहीं कि सामंजस्य स्थापित हो.