कोरोना काल में इतने बदल जाएंगे स्कूल, जानें कैसा होगा आपके बच्चे का पहला दिन
कोरोना ने जिस तरह से हमारे जीने के तौर तरीकों को बदल दिया है उसी तरह से स्कूलों ने भी अपना इंफ्रास्ट्रक्चर बदल दिया है. कोरोना से लड़ने और बचने के लिए स्कूल पूरी तैयार से तैयार हो चुके हैं.
नई दिल्ली: कोरोना (Corona) काल में लगभग 6 महीने से बंद स्कूल शर्तों के साथ 21 सितंबर से खुलने जा रहे हैं. केंद्र के दिशानिर्देश में सावधानियों के साथ 9वीं से 12वीं तक के छात्रों के लिए स्कूल खोलने की इजाजत दी गई है. इसके मुताबिक 9वीं से 12वीं तक के छात्र शिक्षक से सलाह लेने स्कूल जा सकेंगे. इसके लिए अभिभावकों की लिखित इजाजत जरूरी होगी. कोई भी स्कूल बच्चों को जबरदस्ती नहीं बुला सकता.
कोरोना ने जिस तरह से हमारे जीने के तौर तरीकों को बदल दिया है उसी तरह से स्कूलों ने भी अपना इंफ्रास्ट्रक्चर बदल दिया है. कोरोना से लड़ने और बचने के लिए स्कूल पूरी तैयार से तैयार हो चुके हैं.
कोरोना काल में कैसे दिखेंगे स्कूल
- स्कूलों ने ऐसी व्यवस्था की है कि एंट्री गेट से आते ही बच्चों की सबसे पहले थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी, उसके बाद उनके जूते सैनेटाइज किए जाएंगे.
- बच्चों की एंट्री और एग्जिट के अलग पैसेज बनाए गए हैं. जिन पर सोशल डिस्टेनसिंग की मार्किंग की गई है.
- बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए स्कूल पूरी तरह से टच फ्री हो चुके हैं. स्कूलों में जगह-जगह टच फ्री वॉश बेसिन लगे हैं, साथ ही टच फ्री सैनेटाइजर लगाए गए हैं.
- इतना ही नहीं अब बच्चों की अटेंडेंस भी टच फ्री होगी. इसके लिए खास मशीन लगाई गई है जिसमें एक बार में अटेंडेंस, थर्मल स्क्रीनिंग और मास्क चेक किया जाएगा. अगर बच्चे ने मास्क नहीं पहना है तो ये मशीन वो भी बता देगीं.
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कितने बदल गए क्लास रूम
- क्लास में बैठने के लिए बेंच को दूर-दूर रखा गया है और इन पर एक बार में एक ही छात्र बैठेगा. छात्रों की सीट फिक्स कर दी जाएगी.
- क्लास रूम के साथ-साथ टीचर भी बदले हुए दिखेंगे. टीचर्स को फेस शील्ड पहना अनिवार्य कर दिया गया है.
- जो पेरेंट्स बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते, वो घर से ही लाइव क्लासेज देख सकते हैं. क्लास को समय-समय पर सैनेटाइज किया जाएगा
क्या हैं गाइडलाइन्स
- अभी जब तक कोरोना का खतरा नहीं चल जाता और सरकार की तरफ से कोई निर्देश नहीं आते तब तक पहली से आठवीं कक्षा के बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई करेंगे.
- 21 सितंबर से सिर्फ कंटेंनमेंट जोन के बाहर के स्कूल खुलेंगे. कंटेंनमेंट जोन के बाहर रहने वाले स्टाफ और स्टूडेंट्स को ही स्कूल आने की इजाजत होगी.
- स्कूल आने वाले छात्रों के पास अभिवावक की लिखित अनुमति होना अनिवार्य है. छात्रों का स्कूल आना किसी भी तरह से अनिवार्य नहीं होगा, यह सिर्फ वॉलेंटियरी बेसिस पर किया जा रहा है.
- स्टूडेंट्स के बीच कम से कम 6 फीट की दूसरी होनी चाहिए. इसके अलावा फेस कवर/मास्क अनिवार्य किया गया है. फिलहाल बायोमीट्रिक अटेंडेंस नहीं होंगे.
- स्कूल के अंदर भी थोड़ी-थोड़ी देर में हाथों को साबुन से धुलना या सैनेटाइज करना होगा. परिसर में इधर-उधर थूकने पर पाबंदी है.
- गेट पर हर छात्र और स्टाफ की थर्मल स्क्रीनिंग होगी, गेट पर ही उनके हाथ भी सैनेटाइज कराए जाएंगे.
- बच्चे अपना कोई भी सामान जैसे, पेन, पेंसिल, नोटबुक या कोई अन्य सामान आपस में शेयर नहीं करेंगे.
- इसके साथ ही स्कूल के ग्राउंड में किसी भी तरह के खेल या शारीरिक एक्टिविटीज की मनाही है.
- स्कूल आने वाले सभी लोगों के लिए आरोग्य सेतु ऐप रखना अनिवार्य है. इसके साथ ही सभी स्कूलों को पल्स ऑक्सिमीटर का इंतजाम करना होगा.
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