नई दिल्‍ली: इस्‍लामिक स्‍टेट यानी आईएस के आतंकियों पर शिकंजा कसने के लिए खुफिया एजेंसियों सहित सुरक्षाबलों ने साइबर स्‍पेस पर अपना पहरा कड़ा कर दिया है. आतंकी गतिविधियों पर नजर रखने वाली विभिन्‍न खुफिया एजेंसियों और सुरक्षाबलों ने साइबर स्‍पेस से मिले सुरागों की मदद से अब तक कुल 155 आईएस आतंकियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार हुए इन आतंकियों में आईएस के प्रति सहानभूति रखने वाले दहशतगर्द भी शामिल हैं. 


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गृह मंत्रालय के अनुसार, अब तक आईएस से जुड़े दो तरह के गुट सामने आई हैं. जिसमें पहला गुट इस्‍लामिक स्‍टेट और ईराक एण्‍ड लेवंट (ISIL) है, जबकि दूसरा गुट इस्‍लामिक स्‍टेट आफ ईराक एण्‍ड सीरिया (ISIS) है. अब तक सामने आए तथ्‍यों के अनुसार, आतंकवाद के दलदल में लोगों को खसीटने के लिए आईएस के आतंकी इंटरनेट बेस्‍ड सोशल मीडिया को अपने सबसे बड़े हथियार के रूप में इस्‍तेमाल कर रहे हैं. ये आतंकी सोशल मीडिया के जरिए उन लोगों की शिनाख्‍त करते हैं, जिन्‍हें बेहद आसानी से आतंक के रास्‍ते में खींचा जा सकता है. 


गृह मंत्रालय के अनुसार, कमजोर कड़ी की शिनाख्‍त करने के बाद आईएस के आतंकी सोशल मीडिया के जरिए इन लोगों को आईएस के विचारधारा से जुड़े साहित्‍य, झूठे वीडियो सहित अन्‍य आपत्तिजनक दस्‍तावेज उपलब्‍ध कराए जाते हैं. सोशल मीडिया पर आईएस के आतंकी ऐसी आपत्तिजनक सामग्री इंटरनेट पर उपलब्‍ध कराते हैं, जिससे हथियार उठाने के लिए लोगों को उकसाया जा सके. इस मॉरस ऑपरेडी के जरिए आईएस के आतंकी कई नौजवानों को आतंकवादी बनाने में सफल रहे हैं. 


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गृह मंत्रालय के अनुसार, सोशल मीडिया पर आईएस के आतंकियों की बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए सुरक्षाबलों, जांच एजेंसी और खुफिया विभाग ने अपनी निगाह साइबर स्‍पेस पर पैनी कर दी है. देश की सुरक्षा से जुड़ी विभिन्‍न सुरक्षा की इस कवायद के जरिए ही अब तक 155 आईएस के आतंकी और हमदर्दों को गिरफ्तार किया जा सका है. गिरफ्तार किए गए आईएस के सभी आतंकियों के खिलाफ अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्‍ट के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जा रही है.