Independence Day Celebrations 2024: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हुए जानलेवा हमले के बाद दुनियाभर में लोकप्रिय नेताओं की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है. भारत में भी पीएम मोदी पिछले 24 साल से निर्विवाद बेहद लोकप्रिय नेता बने हुए हैं. उनके कड़क फैसलों और नीतियों की वजह से एक वर्ग में उन्हें दुश्मन मानने की प्रवृति भी बढ़ी है. ऐसे में उन पर जान का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ा हुआ है. ट्रंप पर चली गोली के बाद उनकी सुरक्षा पर चिंता और ज्यादा हो गई है. यूपी के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने भी कहा कि पीएम मोदी की जान को खतरा है.


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'पीएम मोदी के खिलाफ बढ़ रही हिंसा की आशंका'


एक अखबार में लिखे लेख में विक्रम सिंह ने लिखा कि देश में जिस तरह पीएम मोदी के विरोधी अक्सर उन्हें अपने बयानों में निशाना बनाते हैं. ऐसे में उनके खिलाफ हिंसा की आशंका बढ़ती जा रही है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी पर वर्ष 2013 में पटना रैली के दौरान हमला हुआ था, जिसमें 6 लोगों की जान चली गई थी. इसके बाद पंजाब दौरे पर जाने पर किसानों के एक समूह ने अचानक उनके रूट पर कब्जा कर धरना शुरू कर दिया था. 


यूपी के पूर्व डीजीपी ने लिखा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी अक्सर पीएम मोदी के खिलाफ व्यक्तिगत और गैर- जिम्मेदाराराना टिप्पणी करते रहते हैं. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सबको अपनी बात कहने का अधिकार होता है लेकिन यह एक मर्यादा के तहत होना होना चाहिए और इसकी आड़ में किसी नेता या व्यक्ति के खिलाफ हिंसक उत्तेजना का भाव नहीं होना चाहिए. 


मंगाई जा रही खतरनाक रूसी राइफलें


उधर दिल्ली के लाल किले पर होने वाले स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए एक महीने से भी कम का समय बचा है. देश के प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी एक बार फिर लाल किले की प्राचीर पर चढ़कर राष्ट्र को संबोधित करेंगे. ऐसे में पीएम मोदी के लिए खतरा ज्यादा बढ़ा हुआ है. लिहाजा पीएम की सिक्योरिटी फुलप्रूफ करने के लिए दिल्ली पुलिस ने स्नाइपर, उनके सहयोगी स्पॉटर्स और एफआर (चेहरे की पहचान करने वाले) सीसीटीवी कैमरे तैनात करने की तैयारी की है. 


डीसीपी नॉर्थ मनोज कुमार मीणा बताया कि ड्रैगुनोव एसवीडी राइफलों के साथ निशानेबाजों की संख्या बढ़ाने की योजना बनाई है. इन राइफलों को जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान विदेशी गणमान्य व्यक्तियों की सुरक्षा के लिए किराए पर लिया गया था. इन राइफलों की व्यावहारिक सटीकता 800 मीटर से अधिक है. जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान रूस निर्मित इन राइफलों को चलाने का प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले निशानेबाजों को लाल किले और आसपास के रणनीतिक स्थानों पर तैनात किया जाएगा. 


चेहरा पहचानने वाले कैमरों की संख्या बढ़ी


लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस समारोह की व्यवस्था की योजना में ‘स्पॉटर्स’ (निशानेबाजों के सहयोगी), चेहरे की पहचान करने वाली प्रणाली (एफआरएस), सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन का उपयोग पहले से ही शामिल है. अधिकारी ने बताया कि एफआरएस युक्त कैमरे दिल्ली में चार-पांच वर्षों से इस्तेमाल किए जा रहे हैं और इस वर्ष इनकी संख्या बढ़ाकर 1,000 से अधिक कर दी जाएगी. 


स्थानीय लोगों के वेरिफिकेशन के लिए ऐप


डीसीपी ने बताया कि आगंतुकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए जाएंगे. मीणा ने बताया कि 'ई-परीक्षा' नाम का यह ऐप कार्यक्रम स्थल के आसपास के लोगों, श्रमिकों और दुकानदारों के सत्यापन के लिए विकसित किया गया है.  इस ऐप का इस्तेमाल पहली बार स्वतंत्रता दिवस के दौरान किया जा रहा है और यदि सब कुछ ठीक रहा तो सत्यापन के लिए इसका इस्तेमाल पूरे शहर में किया जा सकता है. इसके साथ ही लाल किले समेत महत्वपूर्ण स्थानों पर 10,000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों को तैनात करने की योजना बनाई गई है. 


(एजेंसी भाषा)