देवास: मध्यप्रदेश के देवास में स्थित बैंक नोट प्रेस से एक चौंकाने वाली खबर बाहर आई है. जानकारी के मुताबिक बैंक नोट मुद्रणालय से वरिष्ठ पर्यवेक्षक (सीनियर सुपरवाईजर) मनोहर वर्मा द्वारा लाखों रुपए के नोट चोरी किये गए थे. मामले की जानकारी होने के बाद जब वर्मा के ऑफिस के चेम्बर की तलाशी ली गई तो उनके चेम्बर से करीब 26 लाख 9 हजार रुपए बरामद हुए. वहीं उनके घर की तलाशी में भी 64 लाख रुपए मिलने की बात सामने आई है. बताया जा रहा है कि अब तक करीब 90 लाख रुपए बरामद हो चुके हैं. इतनी भारी मात्रा में मुद्रा मिलने के बाद मनोहर वर्मा पर कार्यवाही की जा रही है.


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हुई है बड़ी चूक
जानकारी के मुताबिक मनोहर वर्मा 1984 में LDC के पद पर चयनित हुए थे. इस मामले की सूचना प्रबंधन ने बैंक नोट प्रेस पुलिस थाना को दिए जाने के बाद पुलिस ने अपने स्तर पर कार्यवाही शुरू की. घटना की जानकारी मिलते ही देवास के एडिशनल SP भी थाने पहुंचे. देवास पुलिस ने आरोपी मनोहर वर्मा को अपने गिरफ्त में ले लिया है. लेकिन गौर करने वाली बात है कि इतने बड़े और महत्वपूर्ण केंद्रीय संस्थान पर सुरक्षा के मामले में इतनी बड़ी चूक हो गई कि कोई व्यक्ति लाखों रुपये अपने घर तक ले जा पहुंचा. हालांकि प्रबंधन फिलहाल कुछ भी कहने से बच रहा है.


नोटबंदी में सबसे ज्यादा छपे थे 500 के नोट
आपको बता दें कि नोटबंदी के दौर में सबसे ज्यादा मांग वाले 500 रुपयों के नोट की सबसे ज्यादा प्रिंटिंग देवास स्थित बैंक नोट प्रेस में ही हुई थी. फिलहाल देवास प्रेस में 500 रुपये के नोट के अलावा 100 रुपये, 200 रुपये और 20 रुपये के नोट भी छापे जा रहे थे.
देश में कुल चार जगह होती है नोटों की छपाई
आपकी जानकारी के लिए आपको बता दें कि वर्तमान में देश में चार प्रेस हैं, जहां नोटों की छपाई होती है. इनमें से देवास बैंक नोट प्रेस और नासिक की प्रेस भारत सरकार के उपक्रम सिक्योरिटी प्रिटिंग एंड मिंटिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एसपीएमसीआईएल) का हिस्सा है, जबकि मैसूर और सालबोनी (प. बंगाल) रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड (बीआरबीएनएमपीएल) के अधीन है. बीआरबीएनएमपीएल एक नामित कंपनी है, जो करेंसी नोट की डिजाइन, प्रिंटिंग प्लेट्स और गर्वनर के हस्ताक्षर एसपीएमसीआईएल को उपलब्ध कराती है.