श्रीनगर: अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी का लंबी बीमारी के बाद श्रीनगर में निधन हो गया. सैयद अली गिलानी 92 वर्ष के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे. 29 सितंबर 1929 को सोपोर में जन्मे गिलानी ने कई वर्षों तक हुर्रियत के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया. 


महबूबा मुफ्ती ने जताया दुख 


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हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी के निधन पर जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने दुख जताया है. मुफ्ती ने ट्वीट किया, 'गिलानी साहब के निधन की खबर से दुखी हूं. हम ज्यादातर बातों पर सहमत नहीं हो सकते हैं, लेकिन मैं उनकी दृढ़ता और उनके विश्वासों के साथ खड़े होने के लिए उनका सम्मान करती हूं. अल्लाह तआला उन्हें जन्नत अता करें और उनके परिवार और शुभचिंतकों के प्रति संवेदना.'


 




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2008 से थे नजरबंद


गिलानी लंबे समय से बीमार थे और 2008 से अपने श्रीनगर स्थित आवास पर नजरबंद थे. पिछले साल, उन्होंने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था. गिलानी का जन्म 29 सितंबर 1929 को हुआ था. वे जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता थे. वह पहले जमात-ए-इस्लामी कश्मीर के सदस्य थे लेकिन बाद में तहरीक-ए-हुर्रियत की स्थापना की. गिलानी ने घाटी में अलगाववादी समर्थक दलों के एक ग्रुप, ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (APHC) के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया.


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