जम्मू: विशेष टाडा अदालत (Tada Court) ने 31 साल पहले तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद (Mufti Mohhamad Sayeed) की बेटी रुबैया सईद के अपहरण के मामले में जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) प्रमुख मोहम्मद यासीन मलिक (Yasin Malik) और नौ अन्य के खिलाफ आरोप तय किये हैं. गौरतलब है कि यासीन को NIA ने करीब दो साल पहले गिरफ्तार किया था.


तिहाड़ में बंद है यासीन मलिक


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यासीन मलिक इस समय दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है. राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने अप्रैल 2019 में आतंकवाद के वित्तपोषण के एक मामले में मलिक को गिरफ्तार किया था. इससे एक महीने पहले ही केंद्र सरकार ने मलिक के संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया था. विशेष टाडा अदालत ने जनवरी 1990 में श्रीनगर के बाहरी इलाके में भारतीय वायु सेना के चार जवानों की हत्या से जुड़े एक अन्य मामले में पिछले साल मार्च में JKLF चीफ और छह अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किये थे.


विशेष टाडा न्यायाधीश सुनीत गुप्ता ने सोमवार को मलिक और नौ अन्य लोगों- अली मोहम्मद मीर, मोहम्मद जमान मीर, इकबाल अहमद गंदरू, जावेद अहमद मीर, मोहम्मद रफीक पहलू, मंजूर अहमद सोफी, वजाहत बशीर, मेहराजुद्दीन शेख और शौकत अहमद बख्शी के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था.


दस नाम CBI की चार्जशीट में भी शामिल


ये दस लोग उन दो दर्जन आरोपियों में शामिल हैं जिनके नाम टाडा अदालत में दाखिल सीबीआई के आरोप-पत्र में हैं. इनमें जेकेएलएफ के शीर्ष कमांडर मोहम्मद रफीक डार और मुश्ताक अहमद लोन की मौत हो चुकी है जबकि 12 अन्य फरार हैं.


विशेष न्यायाधीश ने कहा कि आरोपियों के इकबालिया बयानों, अपहृत हुई रुबैया सईद तथा अभियोजन पक्ष के अन्य गवाहों के आधार पर प्रथमदृष्टया यह साबित होता है कि आरोपियों ने सईद के अपहरण की साजिश रची ताकि जम्मू-कश्मीर सरकार और भारत सरकार के साथ अपने साथियों को छुड़वाने के लिए सौदेबाजी कर सकें. गौरतलब है कि आरोपी अपने नापाक इरादों में कामयाब रहे थे.


जेकेएलएफ के सदस्यों ने आठ दिसंबर 1989 को श्रीनगर से रुबैया सईद का अपहरण कर लिया था और विभिन्न जेलों में बंद अपने साथियों को छोड़ने की मांग की थी.


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