नई दिल्ली: भारत सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के Covishield के 50 लाख डोज यूके को निर्यात करने के अनुरोध को ठुकरा दिया है. इसके लिए खासा अंतरराष्ट्रीय दबाव डाला गया और सीरम इंस्‍टीट्यूट के साथ कई दौर की बातचीत भी हुईं लेकिन सरकार ने टीकों की कमी को देखते हुए एसआईआई के अनुरोध को ठुकरा दिया. यूके को यह वैक्‍सीन देने के लिए एसआईआई ने उससे पहले अनुबंध किया था. 


पहले भारतीयों को मिले वैक्‍सीन 


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सरकार ने कहा है कि स्‍थानीय स्‍तर पर हो रहे वैक्‍सीन उत्‍पादन का फायदा पहले भारतीयों को कोविड-19 से सुरक्षित करने के लिए मिलना चाहिए. वहीं 18 से 44 साल के आयु वर्ग की आबादी के लिए टीकाकरण अभियान शुरू करने के बाद से ही कई राज्‍यों से टीकों की कमी होने की शिकायतें सामने आ रहीं थीं. इसके बाद सरकार ने राज्‍यों से कहा है कि वे वैक्‍सीन की मांग को पूरा करने के लिए पुणे स्थित एसआईआई से वैक्‍सीन खरीदी का अनुबंध करें. 


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टाइम्‍स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक एक अधिकारिक सूत्र ने कहा है, 'कोविशिल्ड वैक्सीन के ये 50 लाख डोज अब 18 से 44 वर्ष की आयु वर्ग के लोगों के लिए उपलब्ध हैं. राज्यों को इन डोज की खरीदी करने के लिए कहा गया है. निजी अस्पताल भी ये डोज ले सकते हैं.'


बदलने पड़ सकते हैं शीशियों के लेबल 


मंत्रालय ने राज्यों से कहा है कि वे कंपनी से संपर्क करके जल्द से जल्द खरीदी प्रक्रिया शुरू करें. वहीं जानकारी के मुताबिक वैक्‍सीन डोज की शीशियों पर लगे लेबल को बदलना पड़ सकता है क्‍योंकि ये यूके को निर्यात करने के लिए पैक किए गए थे.  वहीं अब भारत में इनका उपयोग होना है, लिहाजा इस लेबल को बदलना होगा.