हैदराबाद: तेलंगाना में कांग्रेस को शुक्रवार को तब झटका लगा जब चार विधानपरिषद सदस्यों ने सभापति के. स्वामी गौड़ से अनुरोध किया कि ऊपरी सदन में उनका विलय राज्य में सत्तारूढ़ टीआरएस में कर दिया जाए. कांग्रेस एमएलसी- एम एस प्रभाकर राव, टी संतोष कुमार, के दामोदर रेड्डी और अकुला ललिता ने सभापति से मुलाकात करके एक अर्जी सौंपी.


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विधान परिषद के चारों सदस्यों पत्र में कहा कि 20 दिसम्बर को विधान परिषद में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई जिसमें विधान परिषद में टीआरएस के साथ उसके विलय पर चर्चा हुई.


पत्र में लिखा गया है, ‘उक्त बैठक में हमने तेलंगाना विधान परिषद में तेलंगाना राष्ट्र समिति विधायक दल में विलय करने का फैसला किया है और सहमति जताई. उन्होंने कहा कि संविधान की दसवीं अनुसूची के पैरा चार के तहत तेलंगाना राष्ट्र समिति विधायक दल में विलय के लिए उनके पास आवश्यक संख्याबल है. उन्होंने कहा कि तेलंगाना विधान परिषद में कांग्रेस के कुल छह सदस्य हैं.


अगले सप्ताह पटनायक, ममता, मायावती, अखिलेश से मिलेंगे केसीआर
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) अगले सप्ताह ओडिशा और पश्चिम बंगाल के अपने समकक्ष सहित बसपा और सपा प्रमुख से मुलाकात करेंगे. दरअसल, राव ने लोकसभा चुनाव के लिए गैर कांग्रेसी और गैर भाजपाई क्षेत्रीय दलों को साथ लाने की दिशा में काम करने की घोषणा की थी. 


केसीआर के कार्यालय से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, राव भुवनेश्वर में 23 दिसंबर को ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से और अगले दिन कोलकाता में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात करेंगे. 


तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के प्रमुख राव 25 दिसंबर से अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान बसपा की सुप्रीमो मायावती और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात करेंगे. उनकी इस कवायद को कांग्रेस और भाजपा को छोड़कर क्षेत्रीय दलों को साथ लाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. 


(इनपुट - भाषा)