Ayodhya Ram Temple: नेपाल से अयोध्या पहुंची 6 करोड़ साल पुरानी शालिग्राम शिलाएं, लोगों ने फूलों की बारिश से किया स्वागत
Shaligram rocks reached Ayodhya: अयोध्या में बन रहे भव्य श्रीराम मंदिर को अगले साल जनवरी में भक्तों के दर्शनों के लिए खोल दिया जाएगा. इसके लिए नेपाल से 6 करोड़ साल पुरानी शालिग्राम शिलाएं अयोध्या पहुंच गई हैं. इन शिलाओं पर नक्काशी करके भगवान श्रीराम का बाल रूप तैयार किया जाएगा.
Shaligram rocks reached Ayodhya from Nepal: नेपाल से आई पवित्र शालिग्राम शिलाएं अयोध्या पहुंच चुकी हैं. बुधवार रात अयोध्या पहुंचने पर साधु संतों और स्थानीय लोगों ने शिलाओं का स्वागत किया. इस दौरान भव्य आतिशबाज़ी भी की गई, लोगों का कहना है कि आज ही हमारी होली दिवाली है. पहले अयोध्या नाम की थी, आज अयोध्या राम की है. इन शालिग्राम शिलाओं को कड़ी सुरक्षा के बीच रामसेवकपुरम में रखा जाएगा. इसके बाद वे शिलाएं 2 फरवरी यानी आज राम मंदिर के लिए भेंट की जाएंगी.
पोखरा से आई दोनों विशाल शिलाएं
नेपाल (Nepal) में पोखरा की गंडकी नदी से निकली दोनों विशाल शालिग्राम शिलाएं (Shaligram Rocks) बुधवार रात अयोध्या पहुंचीं. इन दोनों शिलाओं का रामसेवकपुरम में ही अयोध्या के संत आज पूजन करेंगे. इसके बाद उन्हें राम मंदिर के लिए भेंट किया जाएगा. हाईवे के निकट रामसेवक पुरम के मैदान में ट्रकों को खड़ा किया जाएगा इसके बाद आज सुबह शालिग्राम को ट्रक से उतारकर रखा जाएगा और फिर उन्हें श्री राम जन्मभमि मंदिर को सौंप दिया जाएगा. इस दौरान आज रामसेवकपुरम में उन शिलाओं को देखने के लिए श्रद्धालु उमड़ सकते हैं.
लोगों ने शिलाओं पर की फूलों की बारिश
जानकारी के मुताबिक गंडकी नदी में पाई गई ये दोनों शिलाएं (Shaligram Rocks) करीब 6 करोड़ साल पुरानी हैं. इनमें से एक शिला का वजन 26 टन और दूसरी का 14 टन है. दोनों शिलाएं अलग-अलग ट्रकों पर रखकर नेपाल से अयोध्या भेजी गई थीं. अब इन शिलाओं पर भगवान राम के बाल रूप की प्रतिमा उकेरकर उन्हें श्री राम मंदिर के गर्भगृह में रखा जाएगा. इन शिलाओं के अयोध्या में आगमन के वक्त लोगों ने फूलों की बारिश कर उनका स्वागत किया.
अगले साल मकर संक्रांति पर खुल जाएगा मंदिर
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने बताया कि श्रीराम मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. अगले साल जनवरी में मकर संक्रांति को गर्भ गृह श्रद्धालुओं के लिए खोला जा सकता है. इसके साथ ही मंदिर के दर्शनों के लिए भक्तों का आना-जाना शुरू हो जाएगा. जबकि पूरा मंदिर दिसंबर 2024 तक बनकर तैयार होगा.
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