नई दिल्ली: भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने शुक्रवार (8 दिसंबर) को दिल्ली सरकार द्वारा शालीमार बाग स्थित मैक्स अस्पताल का लाइसेंस रद्द करने को ‘बहुत कठोर कदम’ बताया और कहा कि जांच में ‘दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ’ कार्रवाई शुरू होनी चाहिए. आईएमए के अध्यक्ष और हृदय रोग विशेषज्ञ के के अग्रवाल ने कहा कि सरकार का फैसला ‘समाज के हित में नहीं’ है. उन्होंने कहा, ‘मैं व्यक्तिगत रूप से मानता हूं कि यह गलत है. सरकार ने गलत फैसला किया है... एक डॉक्टर के स्तर की गलती के लिए अस्पताल का लाइसेंस रद्द नहीं किया जा सकता.’


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दिल्ली सरकार द्वारा इस संबंध में घोषणा के कुछ घंटे बाद जारी बयान में आईएमए ने कहा कि यह ‘बहुत कठोर कदम’ है और दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. आईएमए प्रमुख ने कहा, ‘हम मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल द्वारा की गई गलती का समर्थन नहीं कर रहे हैं. हालांकि लाइसेंस रद्द करना बहुत कठोर कदम है. दिल्ली चिकित्सा परिषद द्वारा जांच के बाद दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.’ उन्होंने कहा, ‘एम्स और सफदरजंग अस्पताल जैसे शीर्ष सरकारी अस्पतालों में भी गलतियां होती हैं.’ उन्होंने कहा, ‘अगर सरकार इस तरह से अस्पतालों के लाइसेंस रद्द करना शुरू करेगी तो सभी अस्पताल बंद करने पड़ेंगे.’


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दिल्ली सरकार ने कथित चिकित्सकीय लापरवाही को लेकर शालीमार बाग स्थित मैक्स अस्पताल का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया. शहर के इस प्रतिष्ठित अस्पताल के खिलाफ जुड़वां बच्चों सहित अन्य मामलों में कथित चिकित्सकीय लापरवाही को लेकर कार्रवाई की गई है. जुड़वां बच्चों के मामले में मृत घोषित किये गए बच्चों में से एक जीवित पाया गया था. सरकार की तीन सदस्यीय जांच समिति ने स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंपी. इसके बाद यह फैसला किया गया. जैन ने इस घटना को ‘अस्वीकार्य’ बताया.


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दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि अस्पताल में जो मरीज भर्ती हैं, उनका उपचार जारी रखा जा सकता है, लेकिन नए मरीजों की भर्ती नहीं की जा सकती. जैन ने कहा, "मरीज अगर चाहें तो दूसरे अस्पताल में स्थानांतरित हो सकते हैं." उन्होंने कहा, ‘दिल्ली सरकार ने मैक्स अस्पताल, शालीमार बाग का पंजीकर रद्द कर दिया है.’ उन्होंने कहा, ‘मैक्स अस्पताल की ओर से बार-बार चूक सामने आ रही है और पूर्व में भी उसे तीन बार नोटिस दिया गया था. उन मामलों में भी अस्पताल को दोषी पाया गया.’


(इनपुट एजेंसी से भी)