मुंबई: शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में शरजील उस्मानी के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है. हालांकि इसके साथ ही शिवसेना ने किसान आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर निशाना भी साधा है.  


शरजील उस्‍मानी के खिलाफ कार्रवाई की मांग 


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सामना (Saamana) लिखता है,  'शरजील नामक बकरे को घसीटकर यहां लाकर उस पर कठोर कार्रवाई करने की इच्छा सभी की है लेकिन इतना हाय-तौबा मचाने की आवश्यकता नहीं है.  हिंदुत्व रास्ते पर आ चुका है क्या? उनका यह सवाल सही है पर छत्रपति शिवाजी महाराज के महाराष्ट्र में तो बिल्कुल नहीं. लेकिन फिर दिल्ली की सीमा पर हजारों किसान पिछले 90 दिनों से सड़कों पर पड़े हुए हैं. वे सारे किसान हिंदू ही हैं. उन हिंदू और सिख किसानों को सम्मान से घर वापस कब भेजोगे, यह बताओ.'


किसान आंदोलन को लेकर भी साधा निशाना


शिवसेना (Shiv Sena) ने सामना में लिखा कि रास्ते पर आया किसान अपने अधिकार की लड़ाई लड़ रहा है. अब उनका पानी और बिजली का कनेक्शन काट दिया गया. उनके सामने कीलें बिछा दी गईं. इसे समस्त हिंदू किसानों का सम्मान कहा जाए क्या? इन किसानों ने तो कोई अपराध नहीं किया है. रास्ते पर आए इस हिंदुत्व की भाजपा के नेता थोड़ी फ्रिक करेंगे तो अच्छा होगा.



योगी सरकार पर उठाए ये सवाल


इसके आगे सामना लिखता है, 'शरजील जैसे हिंदुत्वद्रोही गंदगी का उद्गम होता कहां से है? उसके सूत्र आखिरकार योगी राज्य से जुड़ते हैं. यह शरजील भी अब भागकर उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में छिप गया है. महाराष्ट्र की पुलिस अलीगढ़ जाकर इस शरजील की धरपकड़ करेगी ही. लेकिन हिंदुत्वविरोधी कार्रवाइयों की फैक्ट्री उत्तर प्रदेश में है और वहां तैयार हुआ माल देशभर में जाता रहता है.'


शिवसेना ने कहा कि हिंदुत्व विरोधी लोगों पर महाराष्ट्र दबिश देगा ही. लेकिन थोड़ी-सी जिम्मेदारी योगी राज्य की भी है. भाग कर छिपे शरजील को महाराष्ट्र पुलिस के हवाले करने की जिम्मेदारी उनकी है और इस काम में कोई हस्तक्षेप न करे क्योंकि, महाराष्ट्र किसी आरोपी पर कार्रवाई करता है और अन्य राज्य के भाजपा शासक उन आरोपियों को विशेष सुरक्षा कवच मुहैया कराते हैं, ऐसा अब बार-बार होने लगा है. इसीलिए आशंका भी है कि कहीं शरजील को भी विशेष सुरक्षा तो नहीं मिलेगी.


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