UP Mafia Don: 90 के दशक में यूपी में कई डॉन पनपे, जिसमें अतीक अहमद (Atique Ahmed) और मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) का नाम शामिल है. इसी समय का एक और डॉन जिसने दिनदहाड़े कई हत्याकांड को अंजाम दिया, उसकी फिर एक बार चर्चा होने लगी है. ऐसा इसलिए क्योंकि इसका कनेक्शन कहीं ना कहीं यूपी के प्रयागराज में हुए उमेश पाल मर्डर केस (Umesh Pal Murder Case) से है. उमेश पाल हत्याकांड का एक आरोपी गुड्डू मुस्लिम (Guddu Muslim) है, वह वारदात को अंजाम देने के दौरान बम फेंकते हुए सीसीटीवी में रिकॉर्ड हुआ था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसी डॉन ने बमबाज गुड्डू मुस्लिम को बम बनाना सिखाया था. ये कुख्यात डॉन वही जिसको पकड़ने के लिए यूपी एसटीएफ (UP STF) का गठन करना पड़ा था क्योंकि उसने सीएम की ही सुपारी ले ली थी. आइए जानते हैं कि ये कुख्यात डॉन कौन था?


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अपराध की दुनिया में ऐसे रखा कदम


इस कुख्यात डॉन का नाम श्रीप्रकाश शुक्ला था. वह गोरखपुर का रहने वाला था. अपराध जगत में श्रीप्रकाश शुक्ला का पहला कदम साल 1993 में पड़ा था. श्रीप्रकाश शुक्ला पहलवानी का शौकीन था. कहा जाता है कि एक बार जब किसी ने उसकी बहन को छेड़ दिया था तो श्रीप्रकाश शुक्ला ने उसे इतना पीटा था कि उसकी मौत हो गई थी. फिर, पुलिस से बचने के लिए श्रीप्रकाश शुक्ला बैंकॉक भाग गया और जब लौटकर आया तो पहलवानी छोड़ जुर्म की रास्ता अपना लिया.


विधायक को गोलियों से भूना


तब बिहार के मोकामा में माफिया सूरजभान का सिक्का चलता था और श्रीप्रकाश शुक्ला ने उसे ही अपना गॉडफादर बना लिया था. जुर्म की दुनिया में कदम रखने के बाद जल्द ही श्रीप्रकाश शुक्ला ने सुपारी लेने का काम शुरू कर दिया था. उसका खौफ उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और नेपाल तक था. बात 1997 की है जब श्रीप्रकाश शुक्ला ने यूपी की राजधानी लखनऊ में सरेआम विधायक वीरेंद्र शाही को गोलियों से छलनी कर दिया था. तब हर तरफ चर्चा थी कि पूर्वांचल में कोई नया खिलाड़ी आया है.


बिहार के मंत्री को उतारा मौत के घाट


डॉन श्रीप्रकाश शुक्ला ने इसके बाद कल्याण सिंह सरकार में मंत्री हरिशंकर तिवारी को निशाना बनाने की ठानी. हरिशंकर तिवारी 15 साल से विधायक थे. उनकी गिनती भी बाहुबलियों में होती थी. लेकिन श्रीप्रकाश शुक्ला से वह इतना डर गए कि डॉन के पिता को हरदम अपने साथ रखने लगे जिससे कि वह हमला करने की हिम्मत नहीं कर सके. हालांकि, हरिशंकर तिवारी तो बच गए लेकिन पटना में श्रीप्रकाश शुक्ला ने बिहार के मंत्री बृज बिहारी प्रसाद को मौत के घाट उतार दिया. जिससे हड़कंप मच गया.


जब डॉन ने ले ली सीएम की सुपारी


फिर साल 1998 में ऐसी खबर सामने आई जिसने पुलिस प्रशासन के हाथ-पैर फुला दिए. दरअसल ये जानकारी मिली थी कि श्रीप्रकाश शुक्ला ने यूपी के सीएम कल्याण सिंह को मारने की सुपारी ले ली है. इसके बाद यूपी में स्पेशल टास्क फोर्स (STF) गठन किया गया और पूरी टीम को डॉन श्रीप्रकाश शुक्ला के पीछे लगा दिया गया. काफी मशक्कत के बाद श्रीप्रकाश शुक्ला को एसटीएफ ने ढूंढ निकाला. दिल्ली-गाजियाबाद हाईवे पर 22 सितंबर, 1998 के दिन दोपहर करीब 2 बजकर 15 मिनट पर एक एनकाउंटर हुआ हुआ, जिसमें श्रीप्रकाश शुक्ला मारा गया और उसका अंत हो गया.


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