Moose Wala Murder Case: मूसेवाला की हत्या पर SUPER EXCLUSIVE खुलासा, पढ़ें मर्डर की पूरी `स्क्रिप्ट`
Sidhu Moose Wala Murder Case: पंजाबी सिंगर और कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस में अब तक कई बातें सामने आ चुकी हैं, लेकिन आज हम ऐसा खुलासा करने वाले हैं जो काफी चौंकाने वाला है.
Sidhu Moose Wala Murder Case: पंजाबी सिंगर और कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस में अब तक कई बातें सामने आ चुकी हैं, लेकिन आज हम ऐसा खुलासा करने वाले हैं जो काफी चौंकाने वाला है. मूसेवाला के मर्डर के बाद गाड़ी में जश्न मनाते शूटर्स का वीडियो कब, कहां और किसने बनाया. शूटर्स को आखिरी वक्त तक मूसेवाला की एक-एक मूवमेंट की जानकारी कनाडा से बैठे-बैठे कौन और कैसे दे रहा था. सिद्धू मूसेवाला मर्डर से पहले गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने अपने सगे भाई अनमोल बिश्नोई और भांजे सचिन बिश्नोई को कैसे देश से फरार करा दिया था.
सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद जश्न
सिद्धू मूसेवाला की हत्या (Sidhu Moose Wala Murder) को अंजाम देने वाले गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गों के जश्न मनाने का वीडियो पहले सामने आ चुका है, जो काफी वायरल हुआ था. जश्न के वीडियो में कार ड्राइवर और उसके बगल वाली सीट पर बैठे गैंगस्टर की गोद में कई पिस्टल देखे गए थे. वहीं दूसरे वीडियो में पिछली सीट पर बैठे तीन गैंगस्टर नजर आए थे, जो हाथ में पिस्टल लहरा रहे थे.
क्या है जश्न के वीडियो का राज?
हम आपको इस वायरल वीडियो का राज बता रहे हैं कि वीडियो कब, कहां और क्यों बनी? वीडियो में कौन-कौन है? कुल कितने पिस्टल हैं और कार कौन सी है? तो सबसे पहले आपको बता दें कि ये वीडियो सिद्धू मूसेवाला पर गोलियां बरसाने के दो दिन बाद यानी 31 मई 2022 को बनाई गई थी.
किसके कहने पर बनाया गया वीडियो?
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की पूछताछ में पता चला है कि गैंगस्टर कपिल ने मौज-मस्ती के लिए वीडियो बनाने के लिए कहा था. वीडियो 31 मई की शाम को 4 से 5 बजे के बीच बनाया गया. उस समय हुंडई क्रेटा कार में सवार ये गैंगस्टर सिंदवा गांव के पूर्वी हिस्से, तोशरम और हरियाणा के भिवानी से गुजर रहे थे. कार में पिस्टल लहारते, गोद में पिस्टल से खेलते ये गैंगस्टर आराम से घूम रहे थे. वीडियो के दोनों हिस्सों को अलग-अलग गैंगस्टर ने बनाया था.
वीडियो में कौन-कौन है?
वीडियो के पहले हिस्से में सिर्फ कार चालक और उसके बगल वाली सीट पर बैठे गैंगस्टर और उसकी गोद में पड़ा पिस्टल दिखाई दे रहा है. बता दें कि कार चलाने वाले गैंगस्टर का नाम कपिल पंडित है और उसके साथ बैठा शख्स प्रियव्रत उर्फ फौजी है. वीडियो के दूसरे हिस्से में ड्राइवर के पीछे बैठे गैंगस्टर का नाम दानाराम सियाल है. बीच में बैठा गैंगस्टर अंकित सिरसा है और तीसरा गैंगस्टर सचिव भिवानी है. वीडियो के पहले हिस्से की वीडियोग्राफी सचिन भिवानी ने की, थी जबकि दूसरे हिस्से की वीडियोग्राफी प्रियव्रत उर्फ फौजी ने की थी.
लॉरेंस बिश्नोई ने भाई और भांजे को कैसे फरार किया
अब आपको बताते हैं कि सिद्धू मूसेवाला मर्डर (Sidhu Moose Wala Murder) से पहले गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने अपने सगे भाई अनमोल बिश्नोई और भांजे सचिन बिश्नोई को कैसे देश से फरार करा दिया था? Zee News के पास उन दो फर्जी पासपोर्ट की तस्वीरें मौजूद हैं जिनकी बदौलत कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भाई और भांजा हत्याकांड के एक महीने पहले देश से फरार हो गए. इनके फरार होने के पीछे भी एक साजिश थी. एक फर्जी पासपोर्ट तिलक राज टूटेजा के नाम से दिल्ली के संगम विहार के पते पर बना है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक यह पासपोर्ट सचिन बिश्नोई यानी लॉरेंस के भांजे का है. जबकि दूसरा भानू प्रताप के नाम से बना है, जो लॉरेंस के छोटे भाई अनमोल बिश्नोई का है. सूत्रों की मानें तो सचिन दुबई होते हुए अजरबेजान चला गया, जबकि अनमोल यूरोप में है.
शूटर्स को कौन दे रहा था मूसेवाला के हर मूवमेंट की जानकारी
सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Moose Wala) पर गोली बरसाने वाले गैंगस्टर्स ने पूछताछ में पुलिस को वारदात वाले दिन से फरारी की सारी बातें विस्तार से बताईं है. Zee News के पास शूटर्स द्वारा बताई सारी बातों की जानकारी है. बात 28 मई 2022 की है सुबह करीब 10-11 बजे गोल्डी बरार ने प्रियव्रत को फोन किया और कहा कि मूसेवाला की सुरक्षा हटा ली गई है. इसलिए कल यानी 29 मई को ही वारदात को अंजाम दिया जाए.
29 मई को सुबह 10 बजे प्रियव्रत, अंकित और केशव हिसार के किरमारा गांव से बलेरो कार में निकले. वहां से वह कशिश और दीपक मुंडी को लेने हिसार के ही उकलाना मंडी पहुंचे. कशिश बोलेरो कार चलाने लगा और उसके बगल में प्रियव्रत बैठा था, जबकि दीपक मुंडी पीछे वाली सीट पर बैठा था. दूसरी कार ऑल्टो में केशव और अंकित दोपहर डेढ़ बजे उकलाना मंडी से चले और शाम करीब 4 बजे वो मानसा से 3 किमी पहले ढाबे पर रुक गए. करीब 15 मिनट बाद कोरोला कार में जगरूप रूपा और मनप्रीत उर्फ मन्नू पहुंच गए.
सभी शूटर्स ढाबे पर ही गोल्डी के निर्देश का इंतजार करने लगे. शाम करीब साढ़े चार बजे गोल्डी ने उन्हें बताया कि मूसेवाला के घर का बड़ा गेट खुल गया है, इसलिए उन्हें जल्दी से वहां पहुंचना चाहिए. इस निर्देश के मिलते ही सभी मूसेवाला के गांव की तरफ चल दिए. केशव को ढाबे पर ही छोड़ दिया गया था. कोरोला को जगरूप चला रहा था और उसके बगल में मनप्रीत बैठा था, जबकि बलेरो कार को कशिश चला रहा था. प्रियव्रत उसके साथ बैठा था, जबकि अंकित कशिश के पीछे और दीपक प्रियव्रत के पीछे बैठा था.
इसके बाद कोरोला कार मानसा चौक पर खड़ी कर दी गई, जबकि बलेरो कार मूसेवाला के गांव से 1 किमी पहले मानसा की तरफ मुंह कर खड़ी कर दी गई. इसके बाद गोल्डी ने उन्हें फिर से बताया कि मूसेवाला घर से काले रंग की थार में निकला है और उसके पास कोई सुरक्षाकर्मी नहीं है. कुछ मिनट के बाद ही थार बोलेरो को कॉरास करती हुई निकली तो बोलेरो भी उसके पीछे चल पड़ी.
मानसा चौक के बाद बोलेरो और कोरोला दोनो कारों ने मूसेवाला का पीछा करना शुरू कर दिया और इसके बाद की कहानी सभी को पता है कि कैसे मानसा में इस गली के आगे मूसेवाला की थार को ओवरटेक करके उसे रोका गया. इसके बाद मूसेवाला की शरीर को गोलियों से छलनी कर दिया गया.
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