Sidhu Moosewala Murder: पंजाब (Punjab) के मानसा में सिंगर सिद्धू मूसेवाला की दिनदहाड़े हुई हत्या के बाद पंजाब के गैंगलैंड बनने के कयास लग रहे हैं. खुफिया सूत्रों के हवाले से खबर है कि इस बॉर्डर स्टेट में मूसेवाला के मर्डर के बाद अब एक बड़े गैंगवार छिड़ने की आशंका जताई जा रही है.


गैंगस्टर और आतंकियों का जंगल राज?


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इलेक्ट्रिकल इंजीनियर से सिंगर बने सिद्धू मूसेवाला को जिस तरह सरेआम मौत के घाट उतारा गया. उसके बाद पंजाब की सियासत का पारा चढ़ गया है. खुफिया एजेंसियों के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पंजाब में कुछ ऐसा हो सकता है जिसके बारे में किसी ने सोचा भी नहीं होगा. पंजाब में पिछले कुछ समय में गैंगस्टर्स के साथ आतंकी गतिविधियों में भी तेजी देखी गई है. 


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गैंगलैंड में छिड़ेगी सबसे बड़ी गैंगवार: सूत्र


आपको बता दें कि इंटेलिजेंस इनपुट है कि पंजाब में इस घटना के बाद अब बहुत बड़ी गैंगवार होने वाली है. जिसके लिए गैंगस्टरों के ग्रुप एकजुट होने शुरू हो गए हैं और अलग अलग गैंगस्टरों के ग्रुप आपस में खुलेआम भिड़ेंगे. वो भी अत्याधुनिक हथियारों के साथ और इसमें सबसे पहले बंबीहा गैंग (Bambeeha Gang) और लॉरेंस बिश्नोई गैंग (Lawrence Bishnoi Gang) का आमना सामना हो सकता है. यानी सूबे में जल्द ही जमकर खूनखराबा हो सकता है.


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पंजाबी सिंगिंग इंडस्ट्री पर गैंगस्टर्स का कहर


आपको बताते हैं कि गैंगस्टर्स का इस सिंगिंग इंडस्ट्री में दिलचस्पी लेना कोई नई बात नहीं है. 1990 के दशक में जब बॉलीवुड ऊंचाइयों को छू रहा था तब वहां अंडरवर्ल्ड की एंट्री हुई. ठीक उसी तरह करीब 4 साल पहले पंजाबी फिल्म और म्यूजिक इंडस्ट्री में गैंगस्टर्स की एंट्री हुई थी. इनके निशाने पर कई नामी गायक और कलाकार रहे. सबसे पहले परमीश वर्मा को निशाना बनाया गया. हालांकि किसी तरह वो जान बचाने में कामयाब रहे. इसके बाद कई और गायकों को धमकियां मिलती रहीं. पुलिस ऐसे लोगों को सुरक्षा देकर जिम्मेदारी पूरी करने का दावा तो करती रही लेकिन पंजाब पुलिस का डर कभी गैंगस्टरों में दिखाई नहीं पड़ा.


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(मूसेवाला के मर्डर के बाद पंजाब के डीजीपी की प्रेस कॉन्फ्रेंस)

सिंगर परमीश वर्मा पर फायरिंग


आपको बतां दे कि 'गाल नी कड़नी' से ज़्यादा प्रसिद्धि पाने वाले गायक परमीश वर्मा पर 13 और14 अप्रैल 2018 की दरमियानी रात में उस वक्त हमला हुआ था जब वो चंडीगढ़ से शो करने के बाद सेक्टर-91 स्थित अपने घर जा रहे थे. इस दौरान सेक्टर-76 में गैंगस्टरों ने वर्मा पर फायरिंग कर दी थी. इस दौरान उन्होंने तत्कालीन एसएसपी कुलदीप सिंह चहल को कॉल कर दी थी. वो इसके साथ ही घायल हालत में करीब 14 किलोमीटर तक कार दौड़ाते रहे. इतने में पुलिस उनकी मदद के लिए पहुंच गई थी. फिर उन्हें फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया. इसके बाद गैंगस्टर दिलप्रीत सिंह बाबा ने फेसबुक पर पोस्ट डालकर इस हमले की जिम्मेदारी ली थी. तब चर्चा थी कि वो 20 लाख रुपये की फिरौती मांग रहा था. हालांकि बाद में पता चला था कि गायक ने डर के मारे फिरौती दे भी दी थी.



निशाने पर आए गिप्पी ग्रेवाल


इसी तरह जून 2018 में जब गिप्पी ग्रेवाल पंजाबी फिल्म 'कैरी ऑन जट्टा' की प्रमोशन में व्यस्त थे तब उन्हें भी जान से मारने धमकी मिली थी. व्हाटसएप कॉल पर उन्हें धमकी की कॉल आई थी. इसके बाद उनकी शिकायत पर मोहाली स्थित थाना फेज-8 में गैंगस्टर दिलप्रीत सिंह बाबा पर केस हुआ था. उसके बाद भी अब तक गायकों को धमकियां देने का सिलसिला नहीं थमा है. कुछ महीने पहले पंजाबी गायक मनकीरत औलख को फेसबुक पर जान से मारने धमकी मिली थी. इसके बाद आरोपियों ने अपनी पोस्ट हटा ली थी. गायक ने इसके बाद मोहाली पुलिस से संपर्क किया था. जिसके बाद मोहाली पुलिस ने तुरंत उन्हें दो सुरक्षाकर्मी मुहैया करवाए थे. गैंगस्टर्स में पुलिस का जरा भी खौफ नहीं है वहीं ये भी कहा जा रहा है कि गैंगस्टर और आतंकी पंजाब में अपना कानून चलाते है और ये बात मूसेवाला के मर्डर की वारदात से साफ हो गई है. 


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कौन है मूसेवाला जिसे जन्म दिन से 13 दिन पहले मिली मौत?


सिद्धू का जन्म 11 जून 1993 को मानसा के मूसा गांव में रहने वाले भोला सिंह व चरन कौर के घर हुआ था. मूसेवाला का असली नाम शुभदीप सिंह सिद्धू था. जिसे बचपन से गायकी का शौक था इसलिए 29 साल की उम्र में आते ही सिद्धू अपनी गायकी से युवा दिलों की धड़कन बन गए. यही लोकप्रियता उसे पंजाब की सक्रिय राजनीति में ले गई. वो स्कूल, कॉलेज के दिनों में गीत गाकर तालियां बटोरते थे. अपनी गायकी के दम पर उसने अपने गांव का नाम दुनियाभर में चमका दिया था. 


इंजीनियर से सिंगर बनने का सफर


आपको बतां दे कि सिद्धू ने गांव के सरकारी स्कूल से शिक्षा पूरी करने के बाद गुरु नानक देव इंजीनियरिंग कॉलेज लुधियाना से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा भी किया. मूसेवाला को गाने लिखने का शौक था. मूसा ने अपना पहला गीत 'लाइसेंस' लिखा था. जिसे मशहूर सिंगर निंजा ने आवाज दी. ये गाना इतना पॉपुलर हुआ कि सिद्धू मूसेवाला को बतौर राइटर भी पहचान मिल गई. इसके बाद तो उसका बड़े-बड़े संगीत निर्देशकों और गायकों के साथ उठना-बैठना शुरू हो गया. उसका ये सफर आगे बढ़ते बढ़ते गायकी तक पहुंचा. फिर मूसेवाला कनाडा गया जहां एक म्यूजिक डायरेक्टर से उनकी दोस्ती हो गई. आगे 2017 में सिद्धू ने 'सो हाई' गाना लिखा. हालांकि इससे पहले सिद्धू एक दो गाने गा चुके थे. मगर 'सो हाई' ने उन्हें नई पहचान दी. इसके बाद सिद्धू ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. अगले साल 2018 में उन्होंने अपना एलबम पीबीएक्स वन निकाला, जो काफी हिट रहा. इस एलबम को कई अवार्ड भी मिले थे.


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सच साबित हुए आखिरी गाने के बोल


हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव 2022 में सिद्धू मूसेवाला ने कांग्रेस का दामन थामा और मानसा से चुनाव भी लड़ा. मगर गायकी की पिच की तरह सियासत की पिच में वो लोगों की उम्मीदों पर खरा न उतर सके और चुनाव हार गए. उसके बाद हाल ही में उनका गाना 'ओह चौबर दे चेहरे उत्ते नूर दसदां नी, एहदा उठेगा जवानी विच जनाजा मिठ्ठिए' सामने आया था. ये गाना मूसेवाला ने रैपर वाजिर  के साथ मिलकर इसी महीने 15 मई को रिलीज किया था. तब शायद उन्हें पता नहीं था कि ये उनकी जिंदगी का आखिरी गाना है जिसके बोल भी सच होने वाले हैं. इसके दो हफ्ते बाद सिद्धू मूसेवाला पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर उनकी हत्या कर दी गई. पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री वालों का कहना है कि सिद्धू ने ये गीत खुद पर ही गाया था.


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