Sikkim Maternity Leave: उत्तर-पूर्वी राज्य सिक्किम में सरकारी कर्मचारियों के लिए सरकार ने बड़ा ऐलान किया है. अब सरकार अपने कर्मचारियों को 12 महीने की मैटरनिटी और एक महीने की पैटरनिटी लीव देगी. सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने बुधवार को यह ऐलान किया.


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सिक्किम राज्य सिविल सेवा अधिकारी संघ (एसएससीएसओए) की वार्षिक आम सभा को संबोधित करते हुए तमांग ने कहा कि यह फायदा देने के लिए सर्विस से जुड़े नियमों में बदलाव किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इससे सरकारी कर्मचारियों को अपने बच्चों और परिवार की बेहतर देखभाल करने में मदद मिलेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द ही इसकी ज्यादा जानकारी नोटिफाई की जाएगी.


मैटरनिटी लीव अधिनियम 1961 के तहत नौकरीपेशा महिलाओं को वेतन सहित 6 महीने या 26 सप्ताह की मैटरनिटी लीव मिलती है. हिमालयी राज्य सिक्किम में देश की सबसे कम आबादी है और यहां मात्र 6.32 लाख लोग रहते हैं.


मैटरनिटी लीव की क्या होती है योग्यता


तमाम गर्भवती महिलाएं मैटरनिटी लीव के लिए पात्र होती हैं. अगर महिला 3 महीने से कम आयु के बच्चे को एडॉप्ट करती है तो उनको 12 हफ्ते की छुट्टी मिलेगी.


मिलता है पूरा वेतन


  • छुट्टी के दौरान कोई दिक्कत न हो इसलिए मैटरनिटी लीव में कंपनियां महिलाओं को पूरी सैलरी देती हैं. जिस दिन से मैटरनिटी लीव शुरू होती है, उस दिन से खत्म होने तक कर्मचारी को सैलरी मिलती है.

  • मातृत्व अवकाश संशोधन अधिनियम 2017 क्या है?

  • मातृत्व अवकाश संशोधन अधिनियम 2017 के तहत छुट्टियों का लाभ केवल उसी महिला कर्मचारी को मिलेगा, जिसने मौजूदा कंपनी में 80 दिन नौकरी की हो.

  • छुट्टी की अवधि में भुगतान दैनिक मजदूरी के आधार पर होता है.

  • मैटरनिटी लीव (संशोधन) अधिनियम 2017 के मुताबिक, छुट्टियां प्रसव की अनुमानित तारीख से 8 हफ्ते पहले से शुरू हो सकती है. 

  • महिला को पहली दो प्रेग्नेंसी के लिए ही 26 हफ्ते की छुट्टी मिलेगी. तीसरी प्रेग्नेंसी में यह लीव सिर्फ 12 हफ्ते की होगी.


मैटरनिटी लीव खत्म होने के बाद क्या होगा?


मैटरनिटी लीव खत्म होने के बाद इस एक्ट के तहत वर्क फ्रॉम होम की इजाजत भी मिलती है. लेकिन यह काम की प्रकृति पर निर्भर होगा. बच्चा होने के बाद घर से काम करने को लेकर कंपनी वालों से बात कर लें.


क्या प्रेग्नेंसी के दौरान जॉब से निकाल सकते हैं?


कानून के तहत, आप एक महीने की सिक लीव भी ले सकते हैं. लेकिन शर्त यह है कि वह बीमारी या फिर प्रॉब्लम प्रसव की वजह से हो. इस एक महीने में भी आपको कंपनी से पूरा पैसा मिलेगा. 


(एजेंसी इनपुट के साथ)