Jammu-Kashmir News: जम्मू-कश्मीर में एक के बाद एक घटनाओं का दौर जारी है. जम्मू के सिधरा के एक रिहायशी आवास में 6 लोगों के शव मिले हैं. इनमें दो पुरुष और 4 महिलाएं हैं. सभी शवों को पोस्टमॉर्टम और पहचान के लिए भेज दिया गया है. सूत्रों का कहना है कि इनके शरीर पर गोली का कोई निशान नहीं है. मौत की असली वजह तलाशी जा रही है. जानकारी के मुताबिक दो शव एक घर में जबकि चार शव दूसरे घर में पाए गए हैं. 


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पुलिस ने बताया कि मृतकों की पहचान सकीना बेगम, उसकी दो बेटियां नसीमा अख्तर और रूबीना बानो, बेटा जफर सलीम और दो रिश्तेदार नूर उल हबीब और सजाद अहमद के तौर पर हुई है. शवों को परिवारों के सिधरा स्थित घर से बरामद किया गया. उनको सरकारी मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट किया गया है. इस घटना के बाद इलाके में दहशत का माहौल है.


इससे पहले मंगलवार को आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले के चोटीपोरा इलाके के सेब के बाग में दो कश्मीरी पंडितों को गोली मार दी थी, जिनमें से एक की मौत हो गई, जबकि दूसरा घायल हो गया. मृतक की पहचान सुनील कुमार भट के तौर पर हुई थी जबकि उसका भाई पिंटू घायल हो गया. इस घटना के बाद से इलाके में सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ा दी गई है.  



अप्रैल महीने में भी अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाते हुए ऐसे हमले किए गए थे.


मवेशियों के साथ गए थे बाग


पीड़ित सुनील कुमार पंडित अपने भाई पीतांबर नाथ पंडित उर्फ पिंटू के साथ शोपियां के चोटीगाम गांव में अपने बाग में मवेशियों के साथ गए थे. तभी उन पर एके-47 राइफल से हमला किया गया. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक दो आतंकवादी सुबह बाग में आए और उनमें से एक ने दोनों भाइयों पर अपनी एके-47 राइफल से गोलीबारी शुरू कर दी. वहीं दूसरे ने अपने मोबाइल फोन से इस घटना को रिकॉर्ड किया.सुनील कुमार के परिवार में उनकी पत्नी और चार बेटियां हैं.


लोगों ने निकाला जुलूस


लोगों ने पीड़ित के घर से श्मशान घाट तक जुलूस निकाला और "हिंदू मुस्लिम सिख एकता'' के नारों के बीच सुनील कुमार का अंतिम संस्कार मंगलवार को किया गया. जुलूस में शामिल लोगों ने कुमार की हत्या के खिलाफ नारेबाजी की और कहा कि यह इस्लाम के सिद्धांत के खिलाफ है. इलाके के कई लोग जुलूस में शामिल हुए जहां मुस्लिम पड़ोसियों को पीड़ित परिवार को सांत्वना देते हुए देखा गया. आतंकवादियों ने अप्रैल में भी सुनील के गांव में हमला किया था और उन्होंने कश्मीरी पंडित केमिस्ट बालकृष्ण भट उर्फ ​​सोनू कुमार पर गोलियां चलाई थीं, जो चमत्कारिक रूप से बाल-बाल बच गए थे. वह घायल हो गए थे और लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती रहे.


टारगेट किलिंग में आई तेजी


इस साल की शुरुआत से ही घाटी में अल्पसंख्यकों, श्रमिकों और पुलिस कर्मियों पर हमलों में तेजी आई है. इस साल निशाना बना कर किए गए हमलों में मरने वालों की संख्या 21 हो गई है जिनमें दो कश्मीरी पंडित भी शामिल हैं.नौहट्टा में रविवार को एक पुलिसकर्मी और पिछले हफ्ते बांदीपुरा में एक प्रवासी मजदूर की हत्या कर दी गई थी. बडगाम और श्रीनगर जिले में सोमवार को दो ग्रेनेड हमले किए गए थे. कश्मीर फ्रीडम फाइटर ने हमले की जिम्मेदारी ली है, लेकिन सुरक्षा बलों का मानना ​​है कि प्रतिबंधित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने इस घटना को अंजाम दिया है.



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