Smart City Mission of Modi Government: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में से एक स्मार्ट सिटी मिशन के तहत जनवरी 2023 तक बनकर तैयार होने वाले 68 स्मार्ट शहरों का काम अभी भी अधूरा है. इस खराब प्रदर्शन को लेकर संसदीय कमेटी ने निराशा जताई है और सरकार को इस काम में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं. इन स्मार्ट शहरों के काम को पूरा करने के लिए मिशन की अवधि को जून 2023 तक के लिए बढ़ा दिया गया है. संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है. संसदीय कमेटी ने सरकार से कहा है कि मिशन के टारगेट को पूरा करने के लिए मजबूती से प्रयास किए जाएं, ताकि जल्द से जल्द इन स्मार्ट शहरों का काम पूरा हो सके.


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जेडीयू सांसद राजीव रंजन सिंह की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने 20 मार्च को संसद में अपनी रिपोर्ट पेश की. इस रिपोर्ट में बताया गया कि स्मार्ट सिटी मिशन के लक्ष्य को 5 साल में पूरा कर लेने का समय निर्धारित किया गया था जो कि पूरा हो चुका है.


रिपोर्ट में इस बात की भी जानकारी दी गई है कि इस मिशन पर आने वाले खर्च का करीब 90 फीसदी पैसा सरकार द्वारा दिया जा चुका है. केंद्र की तरफ से निर्माण में लगने वाले कुल लागत यानी 48,000 करोड़ रुपये की राशि में से 36,561 करोड़ रुपये का फंडा जारी किया जा चुका है. इसमें से 33,012 करोड़ रुपये खर्च भी हो चुके हैं.


कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक इस मिशन के तहत देश भर में 100 स्मार्ट सिटी बनाई जानी हैं. इसके लिए 2,05,018 करोड़ रुपये की योजनाओं का प्रस्ताव पारित किया गया था. इसमें से 1,81,349 करोड़ रुपये की 7821 परियोजनाओं पर काम जारी है. वहीं, वर्तमान के समय तक 1,00,450 करोड़ रुपये की 5343 परियोजनाओं का काम पूरा हो चुका है.


संसदीय कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि 32 स्मार्ट शहरों में मिशन के तहत काम को पूरा कर लिया गया है. वहीं, 68 स्मार्ट शहरों का काम अभी भी परियोजना के लक्ष्ये से काफी पीछे है. इनमें से कुछ शहरों का प्रदर्शन काफी निराशजनक है.


(एजेंसी इनपुट)


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