Sonia Gandhi Article: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि कट्टरता, नफरत और विभाजन देश की नींव को हिला रहे हैं और समाज को ऐसी क्षति पहुंचा रहे हैं, जिसकी शायद ही कभी भरपाई हो सके. उन्होंने यह सवाल भी किया कि ऐसा क्या है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नफरत भरे बोल (Hate speech) के खिलाफ खड़े होने से रोकता है?


एक अंग्रेजी अखबार में लिखा लेख


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सोनिया गांधी ने एक अंग्रेजी दैनिक में लिखे लेख में कहा, ‘त्योहारों के साझा उत्सव, विभिन्न आस्थाओं के समुदायों के बीच अच्छे पड़ोसी वाले संबंध, ये सब युगों से हमारे समाज की गौरवपूर्ण विशेषता है. राजनीतिक लाभ के लिए इसे कमजोर करना भारतीय समाज और राष्ट्रीयता की समग्र और बाधाहीन नींव को कमजोर करना है.’ बते दें कि उन्होंने यह टिप्पणी देश के कई स्थानों पर रामनवमी के अवसर सांप्रदायिक झड़प, हिजाब और अजान से संबंधित विवाद की पृष्ठभूमि में की है. 


सोनिया बोलीं- राजनीतिक विरोधियों को बनाया गया निशाना


सोनिया गांधी ने दावा किया, ‘भारत को स्थायी उन्माद की स्थिति में रखने के लिए इस विभाजनकारी योजना का हिस्सा और भी घातक है. सत्तासीन लोगों की विचारधारा के विरोध में सभी असहमतियों और राय को बेरहमी से कुचलने की कोशिश की जाती है. राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाया जाता है’. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘भारत की विविधताओं को स्वीकार करने के बारे में प्रधानमंत्री जी की ओर से बातें तो बहुत हो रही है, लेकिन कड़वी हकीकत यह है कि जिस विविधता ने सदियों से हमारे समाज को परिभाषित किया है, उसका इस्तेमाल उनके राज में हमें बांटने के लिए किया जा रहा है.’


आखिर हेट स्पीच के खिलाफ क्यों नहीं बोल पा रहे हैं पीएम- सोनिया


उन्होंने कहा, ‘सामाजिक उदारवाद का बिगड़ता माहौल और कट्टरता, नफरत और विभाजन का प्रसार आर्थिक विकास की नींव को हिला देता है’ कांग्रेस अध्यक्ष ने सवाल किया कि ऐसा क्या है, जो प्रधानमंत्री को स्पष्ट और सार्वजनिक रूप से ‘हेट स्पीच’ के खिलाफ खड़े होने से रोकता है, चाहे यह ‘हेट स्पीच’ कहीं से भी आए? सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि डर, धोखा और डराना-धमकाना इस तथाकथित 'मैक्सिमम गवर्नेंस, मिनिमम गवर्नमेंट' की रणनीति के स्तंभ बन गए हैं.


कर्नाटक में कुछ साहसी लोग ही उठा रहें हैं आवाज


उन्होंने कहा, ‘यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि कर्नाटक में जो किया जा रहा है, कॉरपोरेट जगत से जुड़े कुछ साहसी लोग उसके खिलाफ बोल रहे हैं. इन साहसी आवाजों के खिलाफ सोशल मीडिया में एक अनुमानित प्रतिक्रिया हुई है, लेकिन चिंताएं बहुत व्यापक होने के साथ वास्तविक भी हैं.’


अतीत के नाम पर मूल्यवान संपत्ति का किया जा रहा इस्तेमाल- सोनिया


सोनिया गांधी ने कहा, ‘संविधान सभा द्वारा 1949 में संविधान को  लागू किये जाने के उपलक्ष्य में मोदी सरकार ने 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाने की प्रथा शुरू की है. यह हर संस्था को व्यवस्थित रूप से शक्तिहीन करते हुए संविधान का पालन करने जैसा है. यह सरासर पाखंड है’ उन्होंने दावा किया, ‘देश का एक उज्ज्वल भविष्य बनाने और युवा प्रतिभाओं का बेहतर इस्तेमाल करने में हमारे संसाधनों का उपयोग करने के बजाय, एक काल्पनिक अतीत के नाम पर वर्तमान को नया रूप देने के प्रयासों में समय और मूल्यवान संपत्ति दोनों का उपयोग किया जा रहा है.’


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