India China relations: कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने सीमा पर ‘चीन के अतिक्रमण’ पर चिंता व्यक्त करते हुए बुधवार को कहा कि इस महत्वपूर्ण विषय पर सरकार द्वारा संसद में चर्चा कराने से इनकार करना लोकतंत्र का अनादर है तथा इससे उसकी नीयत पता चलती है. उन्होंने पार्टी संसदीय दल की बैठक में यह आरोप भी लगाया कि कि महत्वपूर्ण विषयों पर चुप्पी साध लेना इस सरकार की पहचान बन गई है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि पूरा देश भारतीय जवानों के साथ खड़ा है, लेकिन सरकार के रुख के कारण राजनीतिक दलों और जनता को वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी नहीं मिल रही है.


सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई पार्टी संसदीय दल की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी और कांग्रेस सांसद शामिल हुए.


पूरा देश हमारे जवानों के साथ खड़ा है
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘चीन का हमारी सीमा पर लगातार अतिक्रमण करना गंभीर का चिंता का विषय है. पूरा देश हमारे उन सजग जवानों के साथ खड़ा है जिन्होंने चीन के हमलों को मुश्किल हालात में विफल किया है. सरकार इस पर संसद में चर्चा कराने से इनकार कर रही है. इसका नतीजा यह है कि राजनीतिक दल और जनता वास्तविक जमीनी स्थिति को लेकर अनभिज्ञ हैं.’


उनका कहना था, ‘‘जब बड़ी राष्ट्रीय चुनौती आती है तो संसद को विश्वास में लेने की परंपरा रही है. चर्चा से कई महत्वपूर्ण सवालों पर प्रकाश डाला जा सकता है.’’


 


कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने दावा किया, ‘गंभीर राष्ट्रीय चिंता के विषय पर चर्चा से इनकार करना लोकतंत्र के प्रति अनादर और सरकार की नीयत को दर्शाता है.’


भारत जोड़ो यात्रा गर्व का विषय
सोनिया गांधी ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का उल्लेख करते हुए कहा, ‘राहुल गांधी की अगुवाई में निकाली गई भारत जोड़ो यात्रा गर्व का विषय है. यह कांग्रेस पार्टी के संदेश को जनता तक सीधे ले जाने का एक अनोखा प्रयास है...मैं हर उस भारतीय का आभार प्रकट करती हूं जिसने इस यात्रा और इसके बंधुत्व एवं समता के संदेश का समर्थन किया है.’


देश के आर्थिक हालात चिंताजनक
सोनिया ने आर्थिक हालात, महंगाई, बेरोजगारी और किसानों से जुड़े मुद्दों को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘सरकार की तरफ से सबकुठ ठीक होने का दावा किए जाने के बावजूद देश के आर्थिक हालात लगातार चिंताजनक बने हुए हैं. रोजमर्रा की जरूरत की सभी चीजों के दाम असहनीय स्तर तक बढ़ गए हैं जिसका करोड़ों परिवारों पर भारी बोझ पड़ रहा है.’


कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने किया, ‘लोगों खासकर युवाओं को नौकरी देने में अक्षम रहना इस सरकार की पहचान रही है. प्रधानमंत्री ने भले ही कुछ हजार लोगों को नियुक्ति पत्र बांटे हों, लेकिन करोड़ों लोगों का भविष्य अनिश्चित है क्योंकि सरकार में रिक्तियां नहीं भरी गईं, परीक्षाएं विश्वसनीय नहीं हैं और सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण किया जा रहा है.’


सोनिया गांधी ने किसानों की स्थिति का उल्लेख करते हुए कहा, ‘खेती में लागत खासकर उर्वरक की कीमत, फसलों के दाम को लेकर अनिश्चितता और खराब मौसम के कारण किसान मुश्किल का सामना कर रहे हैं. लेकिन ऐसा लगता है कि तीन कानूनों को थोपने के दिशाहीन प्रयास के बाद सरकार की प्राथमिकता में अब किसान नहीं रहे.’


सोनिया गांधी ने हालिया चुनावों का हवाला देते हुए कहा कि गुजरात विधानसभा चुनाव और दिल्ली नगर निगम चुनाव के नतीजे कांग्रेस के लिहाज से दुर्भाग्यपूर्ण रहे, लेकिन हिमाचल में हमने सरकार बनाई है जहां के लोगों से किए वादे को पूरा करने का समय आ गया है.


(इनपुट - भाषा)


पाठकों की पहली पसंद Zeenews.com/Hindi - अब किसी और की जरूरत नहीं