नई दिल्लीः कोयला घोटाला मामले में सीबीआई के स्पेशल कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे (Dilip Ray) सहित तीन लोगों को दोषी ठहराया गया और 3 साल जेल की सजा सुनाई गई लेकिन स्पेशल कोर्ट (Central Bureau of Investigation court) ने सोमवार (26 अक्टूबर) को इन सभी को दिलीप रे सहित अन्य तीन को 1 लाख मुचलके पर जमानत भी दे दी. बता दें स्पेशल कोर्ट ने तीनों को उच्च न्यायालय में अपील करने के लिए 25 नवंबर तक का समय दिया गया था. पिछली सुनवाई में इन सभी को कोयला घोटाला में दोषी ठहराया था. दिलीप रे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार में राज्य कोयला मंत्री थे. 


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पिछली सुनवाई में दोषी ठहराए गए थे दिलीप रे
दिलीप रे पर साल 1999 में झारखंड के गिरिडीह स्थित ब्रह्मडिहा कोयला खदान आवंटन में भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगा था. इस मामले में दिलीप रे के साथ 4 लोग दोषी साबित हुए थे. 6 अक्टूबर को विशेष सीबीआई अदालत ने इन्हें दोषी साबित किया था. विशेष न्यायाधीश भारत पारसकर ने दिलीप रे को आपराधिक साजिश और अन्य अपराधों को लेकर दोषी ठहराया था. कोर्ट ने दिलीप के अलावा कोयला मंत्रालय के तत्कालीन दो वरिष्ठ अधिकारी, प्रदीप कुमार बनर्जी और नित्या नंद गौतम, कैस्ट्रोन टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (सीटीएल), इसके निदेशक महेंद्र कुमार अग्रवाल और कैस्ट्रॉन माइनिंग लिमिटेड (सीएमएल) को भी दोषी ठहराया था.


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कोयला घोटाला से पहले इन पर नहीं था कोई भी क्रिमिनल रिकॉर्ड
मालूम हो कि 14 अक्टूबर को सीबीआई के स्पेशल कोर्ट में दोषियों के वकीलों की तरफ से बहस हुई थी. सीबीआई के वकील ने सभी दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाने के लिए कहा था. लेकिन सीबीआई कोर्ट के वकील ने दोषी की उम्र और पहले से कोई आपराधिक रिकार्ड (no criminal record) न होने को ध्यान में रखते हुए इन्हें सहूलियत बरतने के लिए निवेदन किया था. 


झारखंड के सीएम भी हैं दोषी
इस मामले में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा भी दोषी साबित हो चुके हैं. उन्हें तीन साल की जेल के साथ 25 लाख रुपये का जुर्माना हुआ था. उसी तरह से पूर्व खदान सचिव एचसी.गुप्ता को भी तीन साल की जेल एवं 1 लाख रुपये का जुर्माना हुआ था.