बेंगलुरू: कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन के बीच खींचतान बढ़ती जा रही है. सत्तारूढ़ कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन में मतभेदों और ‘सिद्धरमैया को फिर से मुख्यमंत्री’ बनाने की बढ़ती मांगों के बीच जेडीएस के वरिष्ठ नेता बसवराज होरात्ती ने विधानसभा भंग किये जाने का शनिवार को सुझाव दिया. हालांकि जब उनके बयान से सरकार की किरकिरी हुई तो मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने मामले में सफाई देते हुए गठबंधन के नेताओं को सार्वजनिक रूप से ‘विरोधाभासी’ और ‘विवादास्पद’ बयान देने से बचने का अनुरोध किया.


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मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र में गैर-भाजपा सरकार बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं. ऐसे में गठबंधन नेताओं के इस तरह के बयानों से ये प्रयास धूमिल हो सकते है. उन्होंने कहा, ‘हम केंद्र में नई सरकार के गठन के करीब हैं.’ कुमारस्वामी ने ट्वीट किया, ‘ऐसे समय में, जब केन्द्र में गैर-भाजपा सरकार बनाये जाने के सभी प्रयास किये जा रहे हैं, तो गठबंधन सहयोगियों कांग्रेस-जद (एस) के नेताओं के विरोधाभासी बयानों से इस तरह के प्रयासों को झटका लग सकता है.’



उन्होंने कहा, ‘इसलिए मेरा दोनों पार्टियों के नेताओं से विनम्र अनुरोध है कि वे सार्वजनिक रूप से विरोधाभासी-विवादित बयान देने से बचें.’ होरात्ती ने एक मीडिया संगठन में यह टिप्पणी की और बाद में पत्रकारों को संबोधित करते हुए वह अपने बयान पर कायम रहे और उन्होंने कहा कि वह आम जनता की भावनाओं को व्यक्त कर रहे थे.


उन्होंने पूछा, ‘‘यह कहने की क्या जरूरत है कि सिद्धरमैया को अब मुख्यमंत्री बनना चाहिए?’’ होरात्ती ने कहा कि लोगों में संशय पैदा किया जा रहा है और भाजपा गठबंधन नेताओं के बीच मतभेदों का फायदा उठाने का प्रयास करेगी. उन्होंने कहा, ‘इस तरह की बातें नहीं होनी चाहिए, यह ठीक नहीं है...दोनों पार्टियों ने सरकार का गठन किया था और एक साल पूरा हो गया है. अब यह कहना कि सिद्धरमैया को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए, ठीक नहीं है.’


उन्होंने कहा, ‘ऐसा माहौल नहीं होना चाहिए. एक स्पष्ट निर्णय पर आओ- सरकार चलाओ या इसे छोड़ दो, इसे भंग करो और जाओ.’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं निराश हूं, इसलिए मैं यह कह रहा हूं.’