पाटण : गुजरात के पाटण जिले में एक शर्मनाक घटना सामने आई है. एक परिवार की पढ़ी-लिखी डॉक्टर लड़की ने अपने सगे भाई और भतीजी को धीमा जहर देकर मौत के घाट उतार दिया. मगर उस लड़की के चेहरे पर किसी भी तरह का गम या शिकन नहीं दिखाई दी, तब घर के लोगों को उस पर शक हुआ. फि‍र पुलिस ने उससे पूछताछ की तब पता चला की घर की बेटी ने अपने सगे भाई और मासूम भतीजी को धीमा जहर देकर मौत के घाट उतार दिया.


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गुजरात के पाटण जिले के सिद्धपुर तहसील के कल्याणा गांव में पटेल परिवार रहता है. नरेन्द्रभाई पटेल और उनका बेटा जिगर पटेल अहमदाबाद में स्टील का व्यापार करते हैं. जिगर को परिवार में सम्मान ज्यादा मिलता था, इसलिए उसकी बहन किन्नरी को अच्छा नहीं लगता था. किन्नरी डेंटिस्ट थी. 2 साल पहले अहमदाबाद के स्टर्लिंग अस्पताल वह नौकरी कर चुकी है. मान सम्मान की खातिर उसने अपने भाई को ही मौत के घाट उतारने का फैसला कर लिया. किन्नरी पटेल ने अपने भाई, भाभी और उसकी 14 महीने की भतीजी को धीमा जहर देना शुरू किया.


वह लम्बे समय से तीनों को जहर दे रही थी. करीब एक महीने पहले जिगर पटेल का शरीर कांपने लगा. अहमबाद के 3 अलग अलग अस्पतालों में इजाल भी करवाया. घटना के दिन परिवार कल्याणा गांव में दर्शन के लिए पंहुचा तो अचानक से जिगर की तबियत बिगड़ी. उसे पाटण हॉस्पिटल ले जाया गया. जहां जिगर पटेल को मृत करार दिया गया. जिगर पटेल की पत्‍नी की भी तबीयत अचानक से ख़राब होते ही अस्पताल ले जाया गया. उसी समय 14 महीने की मासूम की तबीयत खराब हुई और उसकी भी मौत हो गई. मौत के बाद पुलिस में मामला दर्ज करवाया. परिवार के शक के आधार पर पुलिस किन्नरी को हिरासत में लेकर पूछताछ की. इसके बाद उसने हत्‍या की बात कबूल कर ली.


परिवार वालों को किन्नरी पर ऐसे हुआ शक
पुलिस और लोगों को किन्नरी पर तब शक हुआ, जब अपने ही घर में सगे भाई और मासूम भतीजी की मौत के बाद भी किन्‍नरी के चेहरे पर किसी तरह की शिकन या गम नहीं दिखा. तब परिवार के लोगों को लगा की हो न हो इस मर्डर मिस्ट्री में कहीं न कहीं किन्नरी का हाथ है. सबसे पहले किन्नरी की हरकतों से नरेंद्र भाई के करीबी दोस्त और पारिवारिक सदस्य की तरह रहने वाले सुरेश भाई को शक हुआ. इसकी जानकारी सुरेश ने नरेंद्र को दी. तब दोनों ने यह बात पुलिस को बताई. पुलिस ने जब किन्नरी से कड़ाई से पूछताछ की तो उसने अपना गुनाह कबुल कर लिया.