जयपुर: राजस्थान में गुर्जरों का आरक्षण के लिए आंदोलन मंगलवार को पांचवें दिन भी जारी रहा. इस आंदोलन के चलते गुर्जर बहुल जिलों में कई रेल व सड़क मार्ग बंद हैं. अनेक ट्रेनें रद्द कर दी गयी हैं, हालांकि, रविवार (10 फरवरी) के बाद कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है. इस बीच राज्य सरकार ने विधानसभा में कोई फैसला करते हुए गतिरोध समाप्त करने के लिए दो उच्च स्तरीय बैठकें की हैं. इससे सरकार के स्तर पर इस मामले में बुधवार को कोई घोषणा किए जाने के संकेत मिले हैं.


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इस आंदोलन के कारण आम जनता की दिक्कतें लगातार बढ़ रही हैं. मंगलवार को आंदोलनकारियों ने राजधानी जयपुर से लगभग 40 किलोमीटर दूर चाकसू कस्बे में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 52 को भी अवरुद्ध कर दिया. पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) एमएल लाठर ने बताया कि आंदोलनकारियों ने चाकसू में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 52 को भी मंगलवार को जाम कर दिया. आंदोलनकारी दौसा जिले में सिकंदरा के पास राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरूद्ध कर चुके हैं. इसके साथ ही नैनवा (बूंदी), बुंडला (करौली) व मलारना में भी सड़क मार्ग अवरूद्ध है. टोंक जिले में कोटा जयपुर राजमार्ग को बनास पुलिया पर, लालसोट गंगापुर करौली राजमार्ग पर भी जाम किया गया है. उन्होंने कहा कि हालात नियंत्रण में हैं.


गुर्जर नेता विजय बैंसला के अनुसार सरकार की ओर से बातचीत या संवाद का कोई नया संदेश नहीं आया है और गुर्जर समाज का आंदोलन जारी है. उन्होंने कहा,‘धरने पर बैठे हैं और धरना जारी रहेगा. सरकार की ओर से शनिवार के बाद कोई संवाद संदेश नहीं है.’ वहीं रेलवे ने आंदोलन के कारण कई और रेलों को रद्द किया है. उत्तर पश्चिम रेलवे के प्रवक्ता ने बताया कि मंगलवार को तीन ट्रेनें रद्द की गयीं जिनमें हजरत निजामुद्दीन-अहमदाबाद, हजरत निजामुद्दीन- उदयपुर व उदयुपर- हजरत निजामुद्दीन ट्रेन शामिल है. इसी तरह दो और ट्रेनों के मार्ग में बदलाव किया गया है.


इस बीच मंगलवार को दो उच्च स्तरीय बैठकें यहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई जिनमें उन्होंने इस मुद्दे पर कांग्रेस नेताओं व मंत्रियों के साथ चर्चा की. इन बैठकों का आधिकारिक ब्यौरा जारी नहीं किया गया है लेकिन कांग्रेस के कुछ विधायकों ने संकेत दिया कि सरकार बुधवार को राज्य विधानसभा में इस बारे में कोई फैसला कर सकती है. खेतड़ी के विधायक जितेंद्र सिंह ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री गंभीर हैं और गतिरोध को समाप्त करने के लिए इस मुद्दे पर विचार विमर्श किया गया. राज्य व देश में अशांति का माहौल है. कल विधानसभा में कोई फैसला किया जाएगा. कानूनी राय ली गयी है.'’ 


खेल मंत्री अशोक चांदना ने भी कहा, ‘‘गुर्जर समुदाय के सदस्य रेल पटरी पर बैठे हैं और लोग परेशान हो रहे हैं. निश्चित रूप से, कल विधानसभा में एक महत्वपूर्ण समाधान होगा.'’ उल्लेखनीय है कि गुर्जर नेता राज्य में सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्‍थानों में प्रवेश के लिए पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर शुक्रवार शाम को सवाईमाधोपुर के मलारना डूंगर में रेल पटरी पर बैठ गए. गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला व उनके समर्थक यहीं जमे हैं. 


गुर्जर समाज सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्‍थानों में प्रवेश के लिए गुर्जर, रायका रेबारी, गडिया, लुहार, बंजारा और गड़रिया समाज के लोगों को पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहा है. फिलहाल अन्‍य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के अतिरिक्‍त 50 प्रतिशत की कानूनी सीमा में गुर्जरों को अति पिछड़ा श्रेणी के तहत एक प्रतिशत आरक्षण अलग से मिल रहा है.  


(इनपुट भाषा से)