नई दिल्ली/मथुरा: हाथरस केस (Hathras Case) की आड़ में बड़े षड्यंत्र के खुलासे के बाद अब पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) की गतिविधियों, फंडिंग आदि की दिशा में जांच तेज हो रही है. चूंकि सामने यह भी आया कि हाथरस के बहाने देश के अन्य हिस्सों में भी दंगा भड़काने के लिए पीएफआई षड्यंत्र रच रहा था, इसलिए अब ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) इस मामले में पीएफआई को मिल रही फंडिंग की दिशा में जांच के लिए मथुरा में डेरा डाल चुकी है. मथुरा की अस्थाई जेल में बंद पीएफआई के चारों सदस्यों से पूछताछ के लिए ईडी की टीम ने सीजेएम कोर्ट में आवेदन किया है.


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फंडिंग की हो रही जांच
हाथरस केस में पीएफआई लिंक के मामले में ईडी की टीम ने मथुरा कोर्ट से सोमवार को जेल के अंदर ही बंद आरोपियों से पूछताछ करने की परमीशन मांगी है. कोर्ट इजाजत देता है तो ईडी की लखनऊ यूनिट मथुरा जेल में बंद पीएफआई मेम्बर्स से पूछताछ करेगी. दिल्ली में पहले से ही पीएफआई के खिलाफ ECIR यानी केस दर्ज है उसी ECIR के तहत आगे की जांच के लिए पीएफआई के गिरफ्तार सदस्यों से फंडिंग के बारे में पूछताछ की जाएगी.


क्या है मामला
बता दें कि बीते पांच अक्तूबर को हाथरस जा रहे चार संदिग्ध युवकों को यमुना एक्सप्रेसवे के मांट टोल से पकड़ा गया था. पकड़े गए युवकों में अतीकुर्रहमान निवासी नगला रतनपुरी मुजफ्फरनगर, आलम निवासी घेरफतेर खान कोतवाली रामपुर, सिद्दीक निवासी चरौर मलप्पुरम केरल, मसूद निवासी जरवल रोड बहराइच शामिल हैं. इन्हें राजद्रोह के मुकदमे तहत जेल भेजा गया है. जांच में सामने आया था कि पकड़े गए युवक पीएफआई के सदस्य हैं. ये देश में दंगा फैलाने का षणयंत्र रच रहे थे. विदेशों से फंडिंग मिल रही है. इन्हीं सबूतों के आधार पर ईडी आगे की जांच कर रही है.