नई दिल्‍ली : भारत ने चांद के दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्रयान-2 मिशन (chandrayaan 2) के तहत विक्रम लैंडर को पहुंचाकर इतिहास रचा है. हालांकि इसका संपर्क लैंडिंग से पहले वैज्ञानिकों से टूट गया है. इस पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख के सिवन ने कहा कि हमें अपने वैज्ञानिकों पर गर्व है.


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उन्‍होंने मिशन के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि चांद की सतह पर विक्रम लैंडर की लैंडिग योजना के अनुसार चल रही थी. चांद की सतह से 2.1 किमी ऊपर तक मिशन और विक्रम लैंडर कर परफॉर्मेंस सामान्‍य थी. इसके बाद विक्रम लैंडर से ग्राउंड स्‍टेशन का संपर्क टूट गया. हमारे वैज्ञानिक डाटा का विश्‍लेषण कर रहे हैं. 


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इसरो के वैज्ञानिक देवीप्रसाद कार्णिक ने विक्रम लैंडर के क्रैश होने की आशंका के सवाल पर कहा कि हमारे वैज्ञानिक डाटा का विश्‍लेषण कर रहे हैं. हमारे पास अभी कोई नतीजे नहीं हैं. नतीजों के लिए समय लगेगा. हम क्रैश होने संबंधी बातों पर पक्‍के नहीं हैं. उन्‍होंने क‍हा कि हमारे वैज्ञानिक प्रेरणा के स्रोत हैं.