जयपुर : वार्षिक ZEE जयपुर साहित्य उत्सव (जेएलएफ) गुरुवार से शुरू होने जा रहा है जिसमें 350 से अधिक लेखक, विचारक, मानवतावादी, राजनीतिज्ञ और अन्य लोग हिस्सा लेंगे. पांच दिन के साहित्य उत्सव का आरंभ गुरुवार से होगा जिसमें हजारों आगंतुक शामिल होंगे. इसका आयोजन ऐतिहासिक दिग्गी पैलेस में किया जाएगा जिसे किसी बारात स्थल की तरह सजाया गया है. 


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पांच दिन तक चलने वाला ZEE जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 12वां संस्करण है. इसका उद्घाटन सत्र सुबह 10 बजे से शुरू होगा. आज गुलजार, राजस्‍थान के डिप्टी सीएम सचिन पायलट, शशि थरूर सत्र में शामिल होंगे. यहां सुबह 9:15 से मॉर्निंग म्यूजिक की शुरुआत होगी.


आयोजकों ने बताया, ‘हमारी दुनिया तेजी से बदल रही है...इस साल हमने कृत्रिम मेधा, आनुवांशिकी और भविष्य में हमारा ग्रह कैसा होगा, इस पर सत्र रखा है. इस साल ‘क्लाइमेट फिक्शन (जलवायु गल्प)’ जैसा नया शब्द है. यदि मधुमक्खियां गायब हो जाएं तो क्या होगा, इस पर आधारित क्ली-फाई (क्लाइमेट फिक्शन) पर हमने बेहद सुंदर सत्र रखा है.


साहित्य उत्सव की सह निदेशक नमिता गोखले ने कहा, ‘‘मुझे ऐसा लगता है कि इस समय हमारे देश में अनुभवजन्य सोच को प्रोत्साहन देना बेहद जरूरी हो गया है.’’ इस साहित्य उत्सव में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित वेंकी रामकृष्णन ‘विज्ञान के महत्व’ पर बोलेंगे, खगोल विज्ञानी प्रियंवदा नटराजन और कृत्रिम बुद्धिमता के प्रोफेसर टोबी वाल्श श्रोताओं को ‘अंतरिक्ष का मानचित्र’ और ‘वर्तमान में भविष्य कैसा है’ जैसे विषयों पर अपने अनुभव साझा करेंगे.


उत्सव के सह निदेशक विलियम डेलरिंपल अपने पिता के निधन के चलते इस साहित्य उत्सव के लिए उपलब्ध नहीं रहेंगे. इस साल साहित्य उत्सव में कई विदेशी लेखक भी भाग लेंगे. भारतीय वक्ताओं में राजनीतिज्ञ लेखक शशि थरूर, राजनयिक नवतेज सरना, किश्वर देसाई, इरा मुखोती, अमिताभ बागची, अमिताव कुमार, अनिता नायर, देवदत्त पटनायक, मकरंद परांजपे, नैना लाल किदवई और राणा दासगुप्ता शामिल हैं.