नई दिल्ली : अभिनेता से राजनेता बने रजनीकांत और कमल हासन तमिलनाडु की राजनीति में एक दूसरे के आमने-सामने हैं. अब कमल हासन ने रजनीकांत पर अपने बयान से हमला किया है. फिल्मों में ये दोनों कभी एक दूसरे के विरोधी नहीं माने गए, भले वैचारिक रूप से बिल्कुल अलग अलग हों. लेकिन तमिलनाडु की ताजा राजनीति ने सब कुछ बदल कर रख दिया है. हाल में तमिलनाडु के तूतीकोरिन में स्टरलाइट फैक्ट्री के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में जहां कमल हासन सरकार के खिलाफ लगातार हमलावर रहे, वहीं रजनीकांत ने अपने बयानों से दूसरी राह पकड़ी.


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तूतीकोरिन में स्टरलाइट फैक्ट्री के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा में 13 लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद संवाददाताओं से बात करते हुए रजनीकांत ने कहा कि जो लोग आगजनी में संलिप्त थे, वे आम लोग नहीं थे और यह खुफिया विभाग की नाकामी है कि वह पहले इनका पता नहीं लगा पाया. इसमें एंटी सोशल एलीमेंट का हाथ है.


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अब इस पर कमल हासन ने रजनीकांत पर निशाना साधा है. उनका कहना है कि अगर वह लोग एंटी सोशल एलीमेंट थे, तो मैं भी एंटी सोशल एलीमेंट ही हूं. इसके अलावा कमल हासन ने रजनीकांत के उस बयान पर भी निशाना साधा, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर सभी लोग विरोध प्रदर्शन ही करने लगे तो राज्य चलेगा कैसे.


कमल हासन ने कहा, ये उनका विचार हो सकता है. मैं गांधी का छात्र हूं. मैंने उन्हें कभी नहीं देखा. मैं उनकी मौत के बाद जन्मा. लेकिन मैं कह सकता हूं कि विरोध करना एक चरित्र है और इसका चरित्र कैसा होना चाहिए ये हमने गांधी से सीखा है. उन्होंने विरोध प्रदर्शन करने वालों का समर्थन करते हुए कहा कि जो लोग वहां विरोध कर रहे थे, उनके हाथ में बंदूक या चाकू नहीं थे.


ऐसे होती गईं रजनीकांत और कमल हासन की राहें...
तमिलनाडु की राजनीति में जयललिता की मौत के बाद उपजे शून्य के बाद वहां मुकाबला कई कोणों में बंट गया है. ऐसे में कमल हासन और रजनीकांत अपने अपने दलों के साथ रजनीति में उतर आए हैं. शुरुआत में कमल हासन ने कहा था कि वह रजनीकांत के साथ राजनीति कर सकते हैं. लेकिन उन्होंने साफ कर दिया था कि अगर रजनी ने भाजपा के साथ नजदीकियां बढ़ाईं तो उनकी राहें अलग अलग होंगी. रजनीकांत ने राजनीति में तो आने का ऐलान कर दिया, लेकिन अभी उन्होंने आगे की रणनीति का खुलासा नहीं किया है. उन्होंने अभी तक एआईएडीएमके के प्रति खुलकर नाराजगी भी नहीं दिखाई है.