जम्मू: कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच, जम्मू से सैकड़ों विस्थापित कश्मीरी पंडित श्रद्धालु सोमवार को वार्षिक माता खीर भवानी मेला में भाग लेने के लिए कश्मीर के लिए रवाना हुये. यह इस विस्थापित समुदाय के सबसे बड़े धार्मिक उत्सवों में से एक है.


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उत्तरी कश्मीर के गांदरबल जिले के तुलमुल्ला गाँव में स्थित खीर भवानी मंदिर में कश्मीरी पंडितों की पूजनीय देवी, रागन्या देवी की मूर्ति है, जो कश्मीरी पंडितों के लिए सबसे पवित्र धार्मिक स्थल है.


भक्तों ने नंगे पांव चलते हुए देवी को गुलाब के फूल चढ़ाए और पूजा-अर्चना की, जबकि कई लोगों ने मंदिर के करीब नदी में डुबकी लगाई.


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10 जून को ज्येष्ठ अष्टमी पर शुरू होने वाले खीर भवानी मेले के दौरान भारत और विदेशों के विभिन्न हिस्सों से 60 से 70 हजार से अधिक विस्थापित पंडितों के कश्मीर घाटी में पांच प्रसिद्ध मंदिरों की यात्रा करने की उम्मीद है.


तीर्थयात्रियों को खीर भवानी मेले तक ले जाने वाली 100 से अधिक बसों को जम्मू संभाग के आयुक्त सजीव वर्मा, राहत आयुक्त टी के भट्ट और सर्वदलीय प्रवासी समन्वय समिति (एपीएमसीसी) के अध्यक्ष विनोद पंडित ने जम्मू शहर के बाहरी इलाके में नगरोटा में हरी झंडी दिखाई.