नई दिल्ली: रेल मंत्री पीयूष गोयल ने आरजेडी चीफ लालू प्रसाद और उनके परिवार से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) के एक पूर्व महाप्रबंधक के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने इस संबंध में तीन महीने पहले मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी थी. 


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मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि गोयल ने बीती रात बीके अग्रवाल पर मुकदमा चलाने की अनुमति दी. इस मामले में चिंता जताई गई थी कि देरी से लालू परिवार के खिलाफ मुकदमा कमजोर हो सकता है. 


सीबीआई ने रांची और पुरी में आईआरसीटीसी द्वारा संचालित दो होटलों का रखरखाव पटना में 2006 में महत्वपूर्ण जगह पर स्थित तीन एकड़ के एक प्लॉट के बदले विनय और विजय कोछार के स्वामित्व वाली कंपनी सुजाता होटल्स को सौंपने में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद और अन्य के खिलाफ 16 अप्रैल को आरोपपत्र दायर किया था. 


जांच एजेंसी के आरोपपत्र में जिन 14 लोगों का नाम लिया गया, उनमें लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी और उनके बेटे तेजस्वी का भी नाम था. सीबीआई ने अप्रैल में रेलवे को पत्र लिखकर अग्रवाल पर मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी थी जो आईआरसीटीसी समूह के तत्कालीन महाप्रबंधक थे. रेलवे सूत्रों ने कहा कि मंत्री ने केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की रिपोर्ट के बाद अपनी मंजूरी दे दी. 


रिपोर्ट में मंत्रालय को भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की धारा 19 के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति देने की सिफारिश की गई थी. अग्रवाल का हवाला देते हुए सीवीसी की रिपोर्ट में कहा गया कि उन्होंने सुजाता होटल्स की बोली के मूल्यांकन में इस तरह से चालाकीपूर्ण भूमिका निभाई कि वह कंपनी इसमें सफल हो गई. 


रिपोर्ट में कहा गया कि बीएनआर पुरी के मामले में यह स्पष्ट है कि सुजाता होटल्स की प्रतिद्वंदी कंपनी को मूल्यांकन में जानबूझकर कम नंबर दिए गए जिससे कि वह बोली में सफल न हो पाए. 


दिल्ली की एक अदालत ने जून में सीबीआई को निर्देश दिया था कि वह अग्रवाल पर मुकदमा चलाने के लिए सुनवाई की अगली तारीख 27 जुलाई तक आवश्यक मंजूरी हासिल कर ले. 


(इनपुट - भाषा)