महाराष्ट्र के मंत्री ने दिया विचित्र ज्ञान, बोले- केकड़ों के कारण टूट गया बांध
महाराष्ट्र सरकार के मंत्री का कहना है कि केकड़े के कारण डैम में लीकेज आया. यहाँ केकड़े बडे पैमाने पर हैं. इस तिवरे बांध को लेकर एसआइटी बनाई गई है.
मुंबई: महाराष्ट्र में रत्नागिरी जिले में चिप्लून तहसील में तिवरे नाम डैम टूटने के पीछे राज्य के मंत्री ने एक अजीबोगरीब ज्ञान दिया. जब महाराष्ट्र के जलसंरक्षण मंत्री तानाजी सावंत से सवाल पूछा गया कि क्या खराब निर्माण के कारण तिवरे बांध टूटा, तब मंत्रीजी ने कहा, यह बांध 2004 में कार्यान्वित हुआ. 15 साल से इस बांध में पानी का संचय हो रहा था. तब कुछ नहीं हुआ. 2 साल में कभी यह बांध सूखा पड़ा रहा हो ऐसा भी नहीं है.
उन्होंने कहा, ग्रामीणों के कहने पर अधिकारियों ने तुंरत इसकी मरम्मत की थी. केकड़े के कारण डैम में लीकेज आया. यहाँ केकड़े बडे पैमाने पर हैं. इस तिवरे बांध को लेकर एसआइटी बनाइ गई है. उसकी विशेषज्ञों की टीम आएगी ही. लेकिन मैंने यहाँ के ग्रामीणों से किसानों से बात की तो उनका कहना है कि यहाँ कभी इतनी बारिश नहीं हुई. जब रिपोर्ट आएगी तब पता चलेगा. लेकिन यहां 192 मिली मीटर बारिश 8 घंटे में हुई है. 8 घंटे पानी का लेवल बढ़ा है. बादल फटने की भी बात कही जा रही है. तो इन सभी पहलू पर विचार होगा.
बता दें कि पिछले दिनों रत्नागिरी जिले में चिप्लून तहसील में तिवरे नाम डैम टूट गया. डैम के टूटने से निचले इलाको में मौजूद करीब सात गांवों में बाढ़ आ गई. इस हादसे में करीब 2 दर्जन लोग पानी में बह गए.
NDRF के मुताबिक, डैम के पास मौजूद एक छोटे से गांव के करीब 18 लोग अभी भी गायब बताए जा रहे है. 6 लोगों के शव रेस्क्यू टीम ने बरामद कर लिया है. इस डैम की कैपेसिटी 0.08 टीएमसी बताई जा रही है. 5बीएन एनडीआरएफ की एक टीम को रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए सिंधुदुर्ग भेजा गया है. इसके अलावा भी स्थानीय प्रशासन पुलिस के साथ मिलकर राहत कार्य कर रहा है.