मुंबई: इस साल के अंत में महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में वहां पर लोकसभा के बाद भी चुनावी सरगर्मी ठंडी नहीं पड़ी हैं. हालांकि बीजेपी और शिवसेना दोनों गठबंधन में चुनाव  लड़ने की बात कर चुकी हैं, लेकिन शिवसेना अकेले भी चुनाव लड़ने की तैयारी में लगी हुई है. इसके चलते शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार (21 जून) को पार्टी नेता और पदाधिकारीयों की मीटिंग बुलाई थी. इस मीटिंग में उद्धव ठाकरे ने सभी 288 विधानसभा क्षेत्र के संपर्क प्रमुखों को से चर्चा की. 19 जून को हुए शिवसेना के स्थापना दिवस के मौके पर उद्धव ठाकरे के साथ सीएम देवेंद्र फडणवीस एक मंच पर आए.


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दोनों नेताओं ने कहा कि हम गठबंधन करके ही विधानसभा चुनाव लडेंगे. लेकिन 2014 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावो में आखिर वक्त पर शिवसेना-बीजेपी का गठबंधन टूट गया था. अलग-अलग चुनाव लड़ने की नौबत दोनों पार्टीयों पर आ गई थी. ऐसे में शिवसेना अब कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है. इसके चलते उद्धव ठाकरे ने अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी भी करते दिख रहे हैं.


इसी दिशा में शिवसेना के संगठन की ताकत बढ़ाने के प्रयास जारी हैं. महाराष्ट्र में शिवसेना 14 जुलाई से 27 जुलाई तक अभियान चला रही है. जिसके तहत शिवसेना की राज्य की शाखाओं की संख्या 20 हजार से 1 लाख तक बढ़ाई जाएगी. हर गांव-ग्राम पंचायत के जितने वॉर्ड रहेंगे, उतनी स्थानीय पार्टी दफ्तर याने 'शाखा' बनाई जाएंगीं. गांव -शहर के प्रभागों में बनीं यह 'शाखा' शिवसेना का सबसे निचला और प्रभावी संगठन ताकत मानी जाती हैं. जो जनसंपर्क के लिहाज से सबसे सक्रिय रहती हैं. हर शिवसेना शाखा के लिए शाखा प्रमुख रहते हैं.


महिला संगठन प्रमुख और बूथ प्रमुख रहते हैं. शिवसेना अब इन सभी शाखा प्रमुख और संगठन के लोगों को पहचान पत्र देने जा रहा है. साथ ही शिवसेना सदस्य के नाम भी दर्ज किए जाएंगे. लेकिन पार्टी नेताओं की मानें तो अगर अंतिम क्षण गठबंधन टूटता है तो शिवसेना की तैयारी पहले से ही रहे यह कोशिश है. इसी के तहत शुक्रवार (21 जून) की मीटिंग उद्धव ठाकरे ने बुलाई थी.


शिवसेना उपनेता विश्वास नेरूरकर का कहना है की, 27 जुलाई को शिवसेना प्रमुख का जन्मदिन है. इसी दिन से जनसंपर्क बढ़ाने की कोशिश तेज की जाएगी. इस अभियान के तहत समूचा महाराष्ट्र भगवा रंग में रंगने का उद्देश्य शिवसेना ने रखा है.