सूरत: सूरत में पश्चिम बंगाल के मजदूरों की हालत बेहद दयनीय बन गई है. ऐसे में बंगाल के लोग एक ही बात कह रहे हैं कि ममता दीदी राजनीति करना बंद करें और जल्द से जल्द उन्हें बंगाल में प्रवेश देने की इजाजत दें. उन्हें वोट देकर सीएम बनाया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

फिलहाल 7 हजार बंगाली श्रमिकों की लिस्ट सूरत के कलेक्टर को सौंपी गई है. श्रमिक एक ही आस लेकर बैठे हैं कि वे अपने घर पहुंच जाए.  


लॉकडाउन के बीच तमाम श्रमिक सूरत में फंस गए थे. दो वक्त का भोजन भी इन्हें नसीब नहीं हो रहा है. अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अपने-अपने राज्यों के लोग जो सूरत में मजदूरी करने गए थे, उन्हें वापस अपने घर लौटने की इजाजत दे दी है.


ये भी पढ़ें: आर्थिक पैकेज की दूसरी किस्त: प्रवासी मजदूरों, किसानों के लिए वित्त मंत्री ने किए ये बड़े ऐलान


हालांकि अब तक पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी द्वारा उनके राज्यों के लोगों को वापस अपने घर लौटने की इजाजत नहीं दी जा रही है. जिसके चलते सूरत में रहते बंगाली मजदूरों की हालत बेहद दयनीय बनी हुई है.


दो वक्त का खाना भी भीख मांग कर खाने की नौबत आ गई है. उनके पैसे भी खत्म हो गए है. ऐसी महामारी में ममता दीदी को राजनीति करना बंद करना चाहिए और अपने लोगों को मुसीबत के समय में वहां से निकालना चाहिए. जब उनके ही वोटों से वो आज सीएम के पद पर बैठी हैं. तब गुजरात में फंसे श्रमिकों को वापस अपने घर लौटने की इजाजत दे देनी चाहिए. 


उधर, कलेक्टर को जिन 7 हजार बंगाली मजदूरों की लिस्ट दी गई है. कलेक्टर ने अपनी तरफ से उन्हें घर पहुंचाने के लिए पूरी कोशिश करने का भरोसा दिलाया है. 


ये भी देखें: