नई दिल्ली: दिल्ली में साल 2012 में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार हुई निर्भया (Nirbhaya) के पिता और उसके वकील ने हैदराबाद सामूहिक दुष्कर्म (Hyderabad gang rape) मामले के आरोपियों को शुक्रवार को मुठभेड़ (encounter) में मार गिराने के लिए तेलंगाना पुलिस (police) की पीठ थपथपाई है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

निर्भया के पिता ने कहा, "मेरा मानना है कि उन्होंने बहुत ही अच्छा काम किया. अगर वे भाग जाते तो यह सवाल उठता कि पुलिस ने उन्हें भागने कैसे दिया. वहीं उन्हें दोबारा गिरफ्तार करना भी मुश्किल होता. अगर वे गिरफ्तार हो भी जाते तो उन्हें सजा देने की पूरी प्रक्रिया में बहुत अधिक समय लग जाता."



वहीं निर्भया के माता-पिता का प्रतिनिधित्व करने वाली वकील सीमा समृद्धि कुशवाहा ने भी पुलिस के इस निर्णय का स्वागत किया है. कुशवाहा ने कहा, "इस मुठभेड़ को लेकर जो मानवाधिकारों की बात कर रहे हैं, मैं उनसे पूछना चाहूंगी कि क्या उन्होंने कभी आरोपी या उसके परिवार के पास जाकर कहा कि ऐसे अपराध न करें? क्या महिलाओं के पास कोई मानवाधिकार नहीं है? उन्नाव में जमानत पर बाहर आए आरोपी ने पीड़िता को आग के हवाले कर दिया तब मानवाधिकार कार्यकर्ता कहां थे?"


25 वर्षीय वेटनरी डॉक्टर के साथ 27 नवंबर की रात शमशाबाद में आउटर रिंग रोड के पास दो ट्रक ड्राइवरों और दो क्लीनरों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था. इसके बाद चारों ने घटनास्थल से 28 किलोमीटर दूर शादनगर शहर के पास शव ले जाकर उसे आग के हवाले कर दिया था.


पुलिस चारों आरोपियों को शुक्रवार सुबह घटना को रीक्रिएट करने के लिए घटनास्थल पर ले गई थी. कथित तौर पर चारों आरोपियों ने वहां से भागने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें मार गिराया. वहीं पीड़िता के पिता का भी कहना है कि उनकी बेटी को आखिरकार न्याय मिला.