पढ़ रहे बेटे को भेजना था पैसा; अधिकारी लोग नहीं दे रहे थे वेतन, पुलिसकर्मी ने की आत्महत्या
पुलिस ने बताया कि पुलिसकर्मी को 2 महीने से वेतन नहीं मिला था और वह पुणे में पढ़ रहे अपने बेटे को पैसा नहीं भेज पा रहा था.
मुंबई: महाराष्ट्र के अमरावती जिले में कर्ज के बोझ तले दबे एक पुलिसकर्मी ने अपने घर में कथित तौर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. पुलिस ने गुरुवार को बताया कि उसे दो महीने से वेतन नहीं मिला था और वह पुणे में पढ़ रहे अपने बेटे को पैसा नहीं भेज पा रहा था. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) 56 वर्षीय रामसिंह गुलाबसिंह चव्हाण ने अमरावती शहर के चपरासीपुरा इलाके में सोमवार को आत्महत्या कर ली थी. पुलिस को बाद में सुसाइड नोट मिला जिसमें चव्हाण ने इसके लिए अमरावती पुलिस आयुक्त एवं पुलिस उपायुक्त को जिम्मेदार ठहराया है.
अधिकारी ने बताया, “नोट में उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों से इन अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज न हो जाने तक उनका अंतिम संस्कार नहीं करने को कहा है.” उन्होंने बताया कि चव्हाण ने पुलिस बल में कम से कम 35 साल सेवा दी और वह कोतवाली पुलिस थाने में तैनात थे. अधिकारी ने बताया कि 2014 में ड्यूटी के दौरान वह एक दुर्घटना का शिकार हो गए थे और उनका इलाज चल रहा था.
उन्होंने दिसंबर 2018 में ड्यूटी फिर से शुरू कर दी थी लेकिन चिकित्सीय दस्तावेज जमा नहीं कराने के चलते उनका करीब 51,000 रुपया आयकर के रूप में कट गया. साथ ही उन्होंने बताया कि उन्हें पिछले दो महीने से तनख्वाह नहीं मिली थी.
अधिकारी ने बताया कि सुसाइड नोट में कहा गया कि है मेडिकल बोर्ड ने उन्हें आराम के लिए समय दिया था इसके बावजूद पुलिस आयुक्त ने उनका वेतन जारी नहीं किया. उन्होंने कहा, “हमने दुर्घटनावश मौत का मामला दर्ज किया है और जांच जारी है.”