Maharashtra में रेप पर मिलेगी मौत की सजा, कैबिनेट ने दी Shakti Act को मंजूरी
महाराष्ट्र (Maharashtra) में महिलाओं-बच्चियों के साथ रेप करने पर अब आरोपियों को आजीवन कारवास और मृत्युदंड की सजा दी जाएगी. उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) सरकार ने इसके लिए शक्ति अधिनियम (Shakti Act) का मसौदा कैबिनेट से पास कर दिया है. इस महीने के अंत तक यह विधेयक कानून बन सकता है.
मुंबई: समाज में बच्चियों और महिलाओं के साथ बढ़ रही छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न की घटनाओं को देखते हुए महाराष्ट्र की उद्धव सरकार सख्त हो गई है. महाराष्ट्र (Maharashtra) सरकार राज्य में ऐसा कानून (Shakti Act) बनाने जा रही है, जिसमें रेप करने पर मृत्युदंड का प्रावधान होगा. कैबिनेट से इस बिल को मंजूरी मिल गई है और जल्द ही इसे विधान सभा में पेश किया जाएगा.
एसिड अटैक में पीड़िता को दिया जाएगा 10 लाख का मुआवजा
गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कैबिनेट बैठक के बाद कहा कि मंत्रिमंडल ने यहां एक बैठक में Shakti Act विधेयक के मसौदे को मंजूरी दे दी. इस विधेयक में दोषी पाए जाने पर आरोपी को मृत्युदंड, आजीवन कारावास और भारी जुर्माना समेत कड़ी सजा और जुर्माने की व्यवस्था की गई है. इस अधिनियम में प्लास्टिक सर्जरी और चेहरे के पुनर्निर्माण के लिए एसिड अटैक पीड़िता को 10 लाख रुपये की राशि दी जाएगी और दोषी से जुर्माना भी वसूला जाएगा.
शक्ति एक्ट में 30 दिन में पूरा हो करना होगा आरोपी का ट्रायल
उन्होंने कहा कि इस अधिनियम (Shakti Act) में रेप के मामलों की सुनवाई विशेष अदालतों में होगी और पुलिस को 15 दिनों में चार्जशीट दाखिल करनी होगी. इस तरह के मामलों में अधिकतम 30 दिनों में ट्रायल पूरा करना होगा. राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री यशोमति ठाकुर ने इसे ऐतिहासिक फैसला बताया है. उन्होंने कहा कि इस फैसले से राज्य में महिलाओं-बच्चियों पर हिंसा करने वालों में डर बढ़ेगा.
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विधान सभा के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा विधेयक
अनिल देशमुख ने कहा कि महाराष्ट्र (Maharashtra) विधान सभा का दो दिवसीय शीतकालीन सत्र 14 दिसंबर से मुंबई में शुरू हो रहा है. इस 'Shakti Act' विधेयक को इस शीतकालीन सत्र में राज्य विधानमंडल में पेश किया जाएगा. विधानमंडल के दोनों सदनों में चर्चा और अनुमोदन के बाद इसे हस्ताक्षर के लिए राज्यपाल को भेजा जाएगा. वहां से मंजूरी मिलने पर इस इस कानून को ‘शक्ति अधिनियम’ कहा जाएगा. अनिल देशमुख ने कहा कि यह अधिनियम महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा करने वाला साबित होगा. (इनपुट भाषा)
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