मोबाइल में `जय श्री राम` लिखते ही होगा रावण दहन, किए गए हैं ये खास इंतजाम
कोरोना संकट की वजह से इस बार रावण दहन (Ravan Dahan) भी सिर्फ रस्म आदयगी भर रह जाएगी. दशहरा में इस बार वाराणसी (Varanasi) के बच्चों ने समाजिक दूरी (Social Distancing) को बनाए रखते हुए मोबाइल से रावण दहन करने का नयाब तरीका ढूंढा है.
वाराणसी: कोरोना संकट की वजह से इस बार रावण दहन (Ravan Dahan) भी सिर्फ रस्म आदयगी भर रह जाएगी. दशहरा में इस बार वाराणसी (Varanasi) के बच्चों ने समाजिक दूरी (Social Distancing) को बनाए रखते हुए मोबाइल से रावण दहन करने का नयाब तरीका ढूंढा है. इसमें भीड़ तो नहीं होगी, लेकिन पुतले दहन का आनंद और उल्लास पहले की तरह होगा. यहां के कुछ बच्चों ने एक डिवाइस विकसित की है. जो कि जय श्री राम (Jai Shri Ram) के टाइप करते ही कमांड देगी और काम करने लगेगी.
इस तकनीक पर करेगा काम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के रहने वाले युवा वैज्ञानिक श्याम चैरासिया के निर्देशन में बच्चों ने स्मार्ट रावण बनाया है. जो कि सोशल मीडिया के माध्यम से जय श्री राम का कमांड डालने से जलेगा. श्याम ने बताया कि कोरोना के संकट को देखते हुए छोटे बच्चों के साथ मिलकर एक स्मार्ट रावण बनाया है. सोशल मीडिया के थ्रू एक सर्किट रावण के पुतले में लगा है. यह हमारे मोबाइल से जुड़ा होगा. जब मोबाइल में जय श्री राम का कमांड डालेंगे तो रावण में लगा सर्किट काम करने लगता है वहां पर लगी तिली के माध्यम से पुतला जलने लगेगा. कमांड रावण के पास भेजे मैसेज रिसीव होते ही यह काम करने लगेगा.
छोटे बच्चों के लिए है खास
उन्होंने बताया कि जिस प्रकार से हम लोग बधाई संदेश भेजते हैं. ठीक उसी प्रकार से यह काम करेगा और सोशल डिस्टेंसिंग का अच्छे से पालन भी करेगा. यह अभी छोटे बच्चों के लिए 2-3 फिट के पुतले में बनाया गया है. अगर चाहें तो इसके माध्यम से बड़े पुतले में भी प्रयोग किया जा सकता है.
बनाने में लगा एक सप्ताह का समय
रावण बनाने वाले शौर्य यादव ने बताया कि स्मार्ट रावण को बनाने में 1 सप्ताह लगा है. इसे व्हाटसऐप, फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम के माध्यम से जलाया जा सकता है. स्मार्ट रावण को बनाने के लिए एक पुराने एंड्रायड फोन 9 वोल्ट की बैट्री, एलइडी लाइट, हीटिंग प्लेट का इस्तेमाल किया गया है. इसे बनाने में करीब 2200 रुपये का खर्च आया है. स्मार्ट रावण के बनाने में सहयोगी रहे अभय शर्मा ने बताया कि कोरोना संकट को देखते हुए यह एक क्रान्तिकारी कदम है. उन्होंने बताया कि छोटे बच्चों की यह एक नई प्रकार की कला है. इससे कोरोना के सारे प्रोटोकाल का बड़े आराम से पालन भी हो जाएगा.
Video-