नई दिल्ली: राजस्थान की गहलोत सरकार पर छाए संकट के बादल छंटने का नाम नहीं ले रहे. कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायक नहीं पहुंचने पर कांग्रेस ने बड़ी कार्रवाई की है. पार्टी ने सचिन पायलट को डिप्टी सीएम पद से हटा दिया है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद भी उनसे छीन लिया है. मंत्री विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया है. कांग्रेस के एक्शन पर सचिन पायलट ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने एक ट्वीट के जरिये अपना जवाब दिया है. पायलट ने अपने ट्वीट में लिखा कि सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं. 


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जब से राजस्थान का सियासी ड्रामा शुरू हुआ है, तब से यह पहला मौका है जब सचिन पायलट ने सार्वजनिक तौर प्रतिक्रिया दी है. पार्टी से बर्खास्त होने के बाद सचिन पायलट ने अपने ट्विटर अकाउंट के बायो से कांग्रेस हटा लिया है.



मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को हटाए जाने पर प्रतिक्रिया दी है. गहलोत ने कहा, "मजबूर होकर सचिन पायलट को हटाना पड़ा. 6 माह से सचिन का रवैया ठीक नहीं था. रोज ट्वीट करके बयान देते रहते थे. मैंने हर विधायक का काम किया. जो फैसले हुए उससे कोई खुश नहीं."


गोविंद सिंह डोटासरा को मिली प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी 
गोविंद सिंह डोटासरा को राजस्थान कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया है. गोविंद सिंह डोटासरा सीकर कांग्रेस के जिला अध्यक्ष रहे हैं. डोटासरा राजस्थान सरकार में शिक्षा राज्य मंत्री भी हैं. विधायक गणेश घोघरा यूथ कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष होंगे. हेम सिंह शेखावत सेवादल के नए प्रदेश मुख्य संगठक होंगे. तीनों पदों पर नियुक्ति की घोषणा पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस में हुई. कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की मौजूदगी में रणदीप सुरजेवाला ने घोषणा की.


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