रिक्शा चालक ने पेश की ईमानदारी की मिसाल, दंपति को लौटाया 7 लाख रुपये से भरा बैग
रिक्शा चालक मपारे ने बताया कि उन्हें बस अड्डे पर छोड़कर जब वह आगे बढ़ गया तो उसे अपने रिक्शे में बैग पड़ा हुआ मिला. उन्होंने बैग खोला नहीं बल्कि पास के घोड़ापाड़ी चौकी के उपनिरीक्षक विजय कदम को सौंप दिया.
पुणे: कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी में जहां लोग आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं वहीं पुणे (Pune) में 60 वर्षीय एक रिक्शा चालक ने सात लाख रुपये से भरा बैग उसके मालिक को लौटाकर ईमानदारी की मिसाल पेश की. पुलिस ने बताया कि बुधवार को केशव नगर इलाके में विट्ठल मपारे की रिक्शा में बैठकर एक दंपति हड़पसर बस अड्डे जा रहा था.
मपारे ने बताया कि उन्हें बस अड्डे पर छोड़कर जब वह आगे बढ़ गया तो उसे अपने रिक्शे में बैग पड़ा हुआ मिला. उन्होंने बैग खोला नहीं बल्कि पास के घोड़ापाड़ी चौकी के उपनिरीक्षक विजय कदम को सौंप दिया.
विजय कदम ने बताया, ‘बैग खोलने पर, हमें 11 तोले सोने के गहने, 20000 रुपये नकद सहित कुल सात लाख रुपये की कीमत का सामान और कपड़े मिले. हमने हड़पसर पुलिस से संपर्क किया. दंपति वहां पहले ही पहुंच गए थे.’
कदम ने कहा कि हड़पसर पुलिस ने बताया कि महबूब और शनाज शेख पहले से ही एक लापता बैग की शिकायत दर्ज करा चुके थे. मुंधवा पुलिस थाने में उन्हें बैग सौंप दिया गया था और मपारे को पुलिस उपायुक्त सुहास बॉचे ने सम्मानित किया.
मपारे कई वर्षों से रिक्शा चालक हैं और किराए के मकान में रहते हैं. उनका बेटा एक निजी फर्म में काम करता है. मपारे ने कहा कि वह पिछले दो दिनों से हो रही प्रशंसा से खुश हैं और इसे जीवन का सबसे बड़ा इनाम मानते हैं.
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