कानपुर: उत्तर प्रदेश में कानपुर पुलिस हत्याकांड के मुख्य आरोपी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के एनकाउंटर की जांच होगी. योगी सरकार ने कानपुर मुठभेड़ की जांच करने के लिए गोविंदनगर थाने के इंस्पेक्टर अनुराग मिश्रा को विवेचक बनाया है.


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इसी बीच विकास दुबे के गुर्गों को शरण देने के आरोप में चौबेपुर पुलिस ने 2 लोगों को गिरफ्तार किया है. इन दोनों ने बिकरू कांड के अपराधी शशीकांत और शिवम दुबे को शरण दी थी. मध्य प्रदेश के ग्वालियर से ओम प्रकाश पांडे और सागर ताल से अनिल पांडे को गिरफ्तार किया गया है. दोनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के बाद आज शनिवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा.


गौरतलब है कि विकास दुबे के पिता रामकुमार दुबे ने कहा है कि विकास का एनकाउंटर ठीक हुआ ऐसा ही होना चाहिए था.


कांग्रेस ने विकास दुबे के एनकांउटर की सुप्रीम कोर्ट के सीटिंग जज से जांच करवाने की मांग की है. वहीं समाजवादी पार्टी ने विकास दुबे की पिछले 5 सालों की मोबाइल CDR लिस्ट सार्वजनिक करने की मांग की.


विकास दुबे के एनकाउंटर पर यूपी STF ने सफाई देते हुए कहा कि ड्राइवर ने जानवरों को बचाने के लिए गाड़ी अचानक मोड़ी और वो पलट गई. फिर विकास दुबे ने भागने की कोशिश की और एनकाउंटर में मारा गया. विकास दुबे को 4 गोलियां लगीं.


गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने न्यायिक जांच की मांग की है. प्रियंका गांधी ने कहा है कि अपराधी का तो अंत हो गया लेकिन संरक्षण देने वालों का खुलासा कैसे होगा? जांच सुप्रीम कोर्ट के जज से करवानी चाहिए.


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समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि ये एनकाउंटर योगी सरकार को बचाने के लिए किया गया है, गाड़ी पलटी नहीं पलटाई गई है. उन्होंने मध्य प्रदेश के गृह मंत्री से भी पूछताछ की मांग है.


वहीं बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने मांग की है कि विकास दुबे के एनकाउंटर की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में होनी चाहिए.


गौरतलब है कि शिवसेना ने विकास दुबे के एनकाउंटर पर यूपी पुलिस का समर्थन किया है. राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि पुलिस पर सवाल उठाना गलत है.