नई दिल्ली/देहरादून: जानीमानी सामाजिक कार्यकर्ता और स्पर्श गंगा एनजीओ की सह-संस्थापक आरुषि निशंक ने उत्तराखंड में  COVID-19 राहत अभियान शुरू किया है. आरुषि ने गीत वफा ना रास आई के साथ गायकी की शुरुआत की, जिसे पहले ही एक महीने से भी कम समय में 125 मिलियन बार देखा जा चुका है. आरुषि पिछले 2 वर्षों से उत्तराखंड और उसके बाहर COVID-19 राहत प्रयासों के लिए परियोजनाओं को संचालित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं.


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हर जरूरतमंद तक पहुंचाया जा रहा राशन
आरुषि निशंक गंगा नदी और पर्यावरण के संरक्षण के उद्देश्य से उत्तराखंड में 2008 में शुरू हुई एनजीओ स्पर्श गंगा की सह-संस्थापक हैं. स्पर्श गंगा के बैनर तले आपदा के इस दौर में मेडिकल किट के साथ राशन बांटा जा रहा है. इसके अलावा ऑक्सीजन कंसंटेटर, मास्क, स्टीमर, पीपीई किट, सैनिटाइटर, डिजिटल थर्मामीटर, ऑक्सीमीटर, विटामिन सी टैबलेट भी जरूरतमंद तक पहुंचाई जा रहा हैं. 


'हम तभी जीत सकते हैं जब हम एक साथ खड़े हों'
स्पर्श गंगा द्वारा हरिद्वार में सैनिटाइजर व मास्क का वितरण भी किया जाएगा. कुछ संसाधन हरिद्वार के डीएम को सौंपे जाएंगे और बाकी संसाधन उत्तराखंड के अंदरूनी इलाकों में बांटे जाएंगे. आरुषि निशंक और उनकी स्पर्श गंगा टीम ने उत्तराखंड में बेड, इलाज और अन्य सुविधाओं के लिए हेल्पलाइन नंबर भी शुरू किया है. राहत प्रयासों पर बोलते हुए कहा गया कि, 'यह साबित करने का समय है कि हम सभी इंसान हैं और हम तभी जीत सकते हैं जब हम एक साथ खड़े हों. मैं उत्तराखंड की बेटी हूं और हम जो कुछ भी कर सकते हैं उसका समर्थन करने और प्रदान करने के लिए अपनी पूरी कोशिश करेंगे.'


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