लखनऊ: केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार की योजनाओं का लाभ किन-किन लोगों तक पहुंचा है ये जानने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार लाभार्थियों का सत्यापन करवाएगी. यूपी सरकार के इस कदम से भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी और जरूरतमंदों को योजना का फायदा पहुंच पाएगा.


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कोरोना काल के दौरान सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता लाने के लिए योगी सरकार की तरफ से नई मुहिम शुरू करने की कवायद चल रही है. दरअसल केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार की जनहित योजनाओं में कोई धांधली ना हो और लाभ जरूरतमंद और उपयुक्त लोगों तक पहुंचे, इसकी चर्चा काफी दिनों से हो रही है. इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए प्रदेश सरकार लाभार्थियों का सत्यापन करवाएगी. इस अभियान की शुरुआत गोरखपुर से की जाएगी.


आपको बता दें कि सत्यापन के लिए गोरखपुर, श्रावस्ती, मुरादाबाद, चित्रकूट और सोनभद्र जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर डाटा बेस तैयार होगा. इस अभियान में सत्यापन के लिए आधार कार्ड को सबसे बड़ा हथियार माना जा रहा है. तय की गई रणनीति के मुताबिक लाभार्थियों का आधार सिडिंग और सत्यापन करवाया जाएगा.


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सत्यापन अभियान के लिए अपर मुख्य सचिव कमलेश की अध्यक्षता में 12 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है. समिति पहले 5 जिलों में आधार सिडिंग और सत्यापन के लिए डाटा बेस तैयार करेगी. इसके बाद 75 जिलों में क्रमवार योजनाओं के लाभार्थियों का सत्यापन शुरू होगा.


आपको बताते चलें कि पहले ही केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार की योजनाओं का फायदा लोगों तक पहुंचाने के लिए जनधन खाते को आधार से लिंक करके डायरेक्ट डेबिट से पैसे ट्रांसफर किए जा रहे हैं. इससे पारदर्शिता के साथ बड़े पैमाने पर लोगों को लाभ भी मिला है.


हालांकि योगी सरकार के इस कदम को 2022 के विधानसभा चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है. माना जा रहा है कि चुनावी तैयारियों से पहले ये सुनिश्चित किया जाना है कि सरकार की तरफ से दी जाने वाली योजनाओं का फायदा कुल कितने लोगों को और किस रूप में मिल रहा है ताकि आगे चलकर तैयार डाटा बेस की मदद से वोटों को साधने में आसानी हो.


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