राज्यसभा: तीन तलाक विधेयक होगा पेश, NDA के पास 93 तो यूपीए के पास 112 सदस्य
अन्य दलों के 39 सदस्य न तो राजग और ना ही संप्रग से जुड़े हैं और वे विवादित विधेयक के पारित होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.
नई दिल्ली: मुस्लिमों में एक बार में तीन तलाक की प्रथा को अपराध की श्रेणी में लाने वाला तीन तलाक विधेयक सोमवार को राज्यसभा में पेश किया जाएगा. उधर, कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दल इसे प्रवर समिति के पास भेजने के प्रयास में हैं.
1. सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस ने व्हिप जारी करके अपने-अपने सदस्यों से सोमवार को ऊपरी सदन में उपस्थित रहने को कहा है. अन्य दलों ने भी अपने सांसदों से यह विधेयक सदन में पेश करने के दौरान उपस्थित रहने को कहा है. कांग्रेस ने अपने सांसदों की बैठक बुलाई है. कई विपक्षी दल भी सोमवार की सुबह विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद के चैंबर में मुलाकात करके इस मुद्दे पर सदन की अपनी रणनीति बनाएंगे.
2. विवादित तीन तलाक विधेयक को विपक्षी दलों का कड़ा विरोध झेलना पड़ सकता है. विपक्ष इसे आगे की जांच के लिए प्रवर समिति में भेजने की अपनी मांग को लेकर लामबंद है.
3. सदन के सभापति एम वेंकैया नायडू के अपनी सास के निधन के कारण सोमवार को सदन में उपस्थित रहने की संभावना नहीं है और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश सदन की कार्यवाही के संचालन का जिम्मा संभाल सकते हैं.
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4. विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ऊपरी सदन में इस विधेयक को पेश करेंगे. विधेयक को बृहस्पतिवार को विपक्ष के बहिर्गमन के बीच लोकसभा द्वारा मंजूरी दी जा चुकी है. विधेयक के पक्ष में 245 जबकि विपक्ष में 11 वोट पड़े थे.
5. रविशंकर प्रसाद ने शुक्रवार को दावा किया था कि भले ही राज्यसभा में भाजपा नीत राजग के पास पर्याप्त संख्याबल नहीं हो लेकिन सदन में इस विधेयक को समर्थन मिलेगा. विधेयक को सोमवार को राज्यसभा के विधायी एजेंडे में शामिल किया गया है.
6. विपक्ष ने तीन तलाक विधेयक के मजबूत प्रावधानों पर सवाल उठाए हैं. लोकसभा में विपक्ष ने इस विधेयक पर और गौर करने के लिए इसे संसद की ‘संयुक्त प्रवर समिति’के पास भेजने की मांग की थी.
7. सूत्रों ने कहा कि राज्यसभा में संख्याबल विपक्ष के समर्थन में है जहां संप्रग के पास 112 जबकि राजग के पास 93 सदस्य हैं. एक सीट खाली है जबकि बाकी के अन्य दलों के 39 सदस्य न तो राजग और ना ही संप्रग से जुड़े हैं और वे विवादित विधेयक के पारित होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.
8. संसदीय कार्य राज्यमंत्री विजय गोयल ने भी इस विधेयक को पारित कराने में सभी दलों से समर्थन मांगा है. प्रस्तावित कानून में, एक बार में तीन तलाक को गैरकानूनी और शून्य ठहराया गया है और ऐसा करने वाले पति को तीन साल के कारावास का प्रावधान है.
9. तमिलनाडु में सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक और विपक्षी दल द्रमुक विवादास्पद तीन तलाक विधेयक का सोमवार को राज्यसभा में विरोध करेंगे. यह बात दोनों दलों ने रविवार को कही. मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक 2018 के तहत मुस्लिमों के बीच तुरंत तलाक को आपराधिक कृत्य बनाया गया है.
10. ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्नाद्रमुक) के नेता और लोकसभा में उपाध्यक्ष एम. थंबीदुरई ने कहा, ‘‘हम तीन तलाक विधेयक का विरोध करते हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अन्नाद्रमुक का कर्तव्य है कि अल्पसंख्यकों के कल्याण की रक्षा करे. हमारे मुस्लिम भाईयों के खिलाफ इस विधेयक का अन्नाद्रमुक पूरी तरह विरोध करेगा.’’ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के नेता और राज्यसभा की सदस्य कनिमोझी ने कहा कि तीन तलाक को ‘‘अपराध बनाए जाने’’ के विरोध में उनकी पार्टी का रूख अडिग है.
(इनपुट: भाषा)