Chandigarh University News:​ चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की एक लड़की पर कई छात्रों का वीडियो बना कर उसे वायरल करने का आरोप लगा है. पुलिस ने इस मामले में आरोपी लड़की समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. मोहाली के खरड़ की एक अदालत ने मंगलवार को छात्रा समेत तीनों आरोपियों को सात दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया.


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इस मामले के सामने आने के बाद से यह यूनिवर्सिटी चर्चा का केंद्र बनी हुई है. लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि इसके फाउंडर कौन है. हम आपको आज चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के संस्थापक के बारे में बताएंगे.


चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी एक निजी विश्वविद्यालय है जो कि पंजाब के मोहाली में स्थित है. 2012 में स्थापित इस यूनिवर्सिटी ने कम समय में ही काफी नाम कमाया है. यह जून में जारी QS वर्ल्ड रैंकिंग 2023 में जगह बनाने में सफल रही.


सतनाम सिंघ संधू हैं संस्थापक
सतनाम सिंह संधू इसके फाउंडर हैं. वह चंडीगढ़ वेलफेयर ट्रस्ट (सीडब्ल्यूटी) और न्यू इंडिया डिवेलपमेंट (एनआईडी) फाउंडेशन के संरक्षक भी हैं. संधू सामाजिक कार्यों में काफी एक्टिव रहते हैं. पंजाब के फिरोजपुर में एक छोटे से गांव रसूलपुर संधू का जन्म हुआ था. उनके पिता एक किसान थे इसलिए वह खुद भी एक किसान बने. संधू ने 2001 में शिक्षा क्षेत्र में कदम रखा था. उन्होंने सबसे पहले मोहाली के लांडरां में चंडीगढ़ ग्रुप ऑफ कॉलेज (सीजीसी) की स्थापना की थी.


मीडिया से बातचीत में संधू ने कई बार इस बात का जिक्र किया है कि वह बचपन में जिस स्कूल में पढ़ाई करते थे उसकी हालत बहुत खराब थी. स्कूल में कोई क्लास नहीं थी और पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ाई होती थी. छात्र बैठने के लिए घर से टाट-पट्टियां लाया करते थे.


संधू का कहना है कि उन्होंन बहुत अधिक पढ़ाई नहीं की है. वह बताते हैं कि उनके पिता और दादा उन्हें अखबार के संपादकीय पढ़ाते थे. यहीं से उनके मन में शिक्षा के क्षेत्र में कुछ करने की ठानी. संधू ने दक्षिण भारत के कई प्राइवेट इंजिनियरिंग संस्थानों में गए. इन संस्थानों को देखकर उन्हें ख्याल आया कि पंजाब में अच्छे एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन बनाने की जरुरत है.


चंडीगढ़ से सटे खरड़ के लांडरां में बनाया पहला कॉलेज
संधू ने दिसंबर 2000 में उन्होंने 95 लाख रुपये का लोन लिया और चंडीगढ़ से सटे खरड़ के लांडरां में तीन एकड़ जमीन पर एक इंजिनियरिंग कॉलेज बनाया.  यह कॉलेज चल निकला और फिर 2012 में उन्होंने चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की स्थापना की.


वैस एमएमएस कांड से पहले भी चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी एक विवाद में घिर चुकी है. जब पंजाब विश्वविद्यालय की एक उपसमिति ने चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के नाम पर आपत्ति जताई थी. उपसमिति का कहना था कि अधिकारियों की अनुमति के बिना एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी निजी उद्देश्यों के लिए राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों के नामों का इस्तेमाल नहीं कर सकती है.


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